भारत के इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में 2030 तक 3.4 लाख करोड़ रुपये के निवेश की संभावनाः रिपोर्ट

भारत के इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में 2030 तक 3.4 लाख करोड़ रुपये के निवेश की संभावनाः रिपोर्ट

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  • Publish Date - December 11, 2024 / 03:30 PM IST,
    Updated On - December 11, 2024 / 03:30 PM IST

नयी दिल्ली, 11 दिसंबर (भाषा) घरेलू और विदेशी कंपनियां अगले छह वर्षों में भारत के इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) और सहायक उद्योगों में 3.4 लाख करोड़ रुपये के भारी निवेश की घोषणा कर चुकी हैं। बुधवार को एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।

रियल एस्टेट सलाहकार कोलियर्स इंडिया ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि ईवी की स्वीकार्यता की रफ्तार तेजी नहीं पकड़ पाई है और वर्ष 2030 तक ईवी की संख्या 30 प्रतिशत करने के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में प्रगति सुस्त रही है।

‘भारत में ईवी: इलेक्ट्रिक मोबिलिटी में नया जोश’ शीर्षक वाली रिपोर्ट कहती है कि भारत में कुल वाहनों में ईवी का अनुपात फिलहाल आठ प्रतिशत है। इसने वर्ष 2024 में लगभग 20 लाख ईवी की बिक्री का अनुमान भी लगाया है।

कोलियर्स इंडिया ने कहा कि भारत ने 2030 तक सड़कों पर आठ करोड़ ईवी के साथ 30 प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहनों की मौजूदगी का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। लेकिन बिक्री की मात्रा में लगातार वृद्धि और केंद्रित सरकारी प्रयासों के बावजूद अबतक प्रगति की रफ्तार सुस्त रही है।

रिपोर्ट के मुताबिक, ईवी परिदृश्य में अलग-अलग कंपनियों ने वर्ष 2030 तक चरणबद्ध तरीके से 40 अरब डॉलर (करीब 3,40,000 करोड़ रुपये) के संभावित निवेश की घोषणा की है। इसमें से 27 अरब डॉलर लिथियम-आयन बैटरी के विनिर्माण और नौ अरब डॉलर मूल उपकरण एवं ईवी विनिर्माण पर निवेश करने की योजना है।

सलाहकार फर्म ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने की दर तिपहिया वाहनों (खासकर ई-रिक्शा) में सबसे अधिक है क्योंकि इनसे परिचालन लागत में काफी कमी आ जाती है।

रिपोर्ट में दोपहिया और चार-पहिया वाहनों सहित व्यक्तिगत वाहनों में भी ईवी के इस्तेमाल की दर बढ़ाने के लिए घरेलू विनिर्माण पर अधिक जोर देने की बात कही गई है।

कोलियर्स ने कहा, ‘‘धीमी प्रगति और 2024 में अनुमानित 20 लाख वार्षिक ईवी बिक्री को देखते हुए इसकी संभावना कम ही दिख रही है कि हम 2025-2030 तक औसत वार्षिक बिक्री में कुल मिलाकर छह गुना वृद्धि देख सकें।’’

भाषा प्रेम

प्रेम अजय

अजय