भारत का इलेक्ट्रिक वाहन बाजार 2030 तक 20 लाख करोड़ रुपये का होगा : गडकरी

भारत का इलेक्ट्रिक वाहन बाजार 2030 तक 20 लाख करोड़ रुपये का होगा : गडकरी

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  • Publish Date - December 19, 2024 / 04:44 PM IST,
    Updated On - December 19, 2024 / 04:44 PM IST

(फाइल फोटो के साथ)

नयी दिल्ली, 19 दिसंबर (भाषा) केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) बाजार का आकार 2030 तक 20 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की संभावना है और इससे समूचे ईवी परिवेश में करीब पांच करोड़ नौकरियों का सृजन होगा।

गडकरी ने ई-वाहन उद्योग की स्थिरता पर 8वें ‘कैटलिस्ट कॉन्फ्रेंस- ईवी एक्सपो-2024’ को संबोधित करते हुए कहा कि अनुमान है कि 2030 तक इलेक्ट्रिक वाहन के वित्तपोषण यानी फाइनेंस के बाजार का आकार करीब चार लाख करोड़ रुपये होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘ भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन बाजार की क्षमता 2030 तक 20 लाख करोड़ रुपये होगी जिससे संपूर्ण ईवी परिवेश में पांच करोड़ नौकरियों का सृजन होगा।’’

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने कहा कि भारत में 40 प्रतिशत वायु प्रदूषण के लिए परिवहन क्षेत्र जिम्मेदार है।

गडकरी ने कहा, ‘‘ हम 22 लाख करोड़ रुपये मूल्य के जीवाश्म ईंधन का आयात करते हैं, जो एक बड़ी आर्थिक चुनौती है। जीवाश्म ईंधन का यह आयात हमारे देश में कई समस्याएं उत्पन्न कर रहा है।’’

मंत्री ने कहा कि सरकार हरित ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित कर रही है क्योंकि भारत की 44 प्रतिशत बिजली की खपत सौर ऊर्जा पर आधारित है।

उन्होंने कहा, ‘‘ हम जल विद्युत उसके बाद सौर ऊर्जा, हरित ऊर्जा खासकर ‘बायोमास’ के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहे हैं। अब सौर ऊर्जा हम सभी के लिए महत्वपूर्ण स्रोतों में से एक है।’’

गडकरी ने देश में इलेक्ट्रिक बसों की समस्या पर भी प्रकाश डाला।

मंत्री ने कहा, ‘‘ हमारे देश को एक लाख इलेक्ट्रिक बसों की जरूरत है लेकिन अभी हमारे पास केवल 50 हजार बस हैं। मैं आप सभी से आग्रह करता हूं कि यही आपके लिए अपने कारखाने का विस्तार करने का सही समय है।’’

गडकरी ने इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माताओं से गुणवत्ता के साथ समझौता न करने की बात भी कही।

उन्होंने कहा कि 2014 में जब उन्होंने परिवहन मंत्री का कार्यभार संभाला था तब मोटर वाहन उद्योग का आकार सात लाख करोड़ रुपये था।

मंत्री ने कहा, ‘‘ आज यह (मोटर वाहन उद्योग का आकार) 22 लाख करोड़ रुपये है। हम दुनिया में तीसरे स्थान पर हैं। हमने हाल ही में जापान को पीछे छोड़ा है।’’

इस सूची में 78 लाख करोड़ रुपये के मोटर वाहन उद्योग के साथ अमेरिका पहले स्थान पर और चीन 47 लाख करोड़ रुपये के साथ दूसरे स्थान पर है।

भाषा निहारिका अजय

अजय