भारत का खाद्य तेल आयात 2023-24 में तीन प्रतिशत घटकर 159.6 लाख टन पर

भारत का खाद्य तेल आयात 2023-24 में तीन प्रतिशत घटकर 159.6 लाख टन पर

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  • Publish Date - November 13, 2024 / 07:09 PM IST,
    Updated On - November 13, 2024 / 07:09 PM IST

नयी दिल्ली, 13 नवंबर (भाषा) घरेलू तिलहन उत्पादन में वृद्धि और बढ़ती कीमतों के बीच मांग में कमी के कारण तेल विपणन वर्ष 2023-24 के दौरान भारत का खाद्य तेल आयात 3.09 प्रतिशत घटकर 159.6 लाख टन रहा है। उद्योग निकाय एसईए ने यह जानकारी दी।

देश, जो खाद्य तेलों का दुनिया का सबसे बड़ा आयातक है, ने इससे पिछले तेल वर्ष (नवंबर-अक्टूबर) में 164.7 लाख टन का आयात किया था।

सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) ने एक बयान में कहा कि मूल्य के संदर्भ में, आयात पिछले वर्ष के 1,38,424 करोड़ रुपये से मामूली रूप से घटकर 2023-24 में 1,31,967 करोड़ रुपये रह गया।

एसईए ने कहा, ‘‘विभिन्न कारणों से अंतरराष्ट्रीय कीमतों में मजबूती आई, जो घरेलू कीमतों में वृद्धि और कुछ हद तक आयात में कमी के रूप में परिलक्षित हुई।’’

आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2023-24 में कच्चे पाम तेल (सीपीओ) का आयात पिछले वर्ष के 75.88 लाख टन से घटकर 69.70 लाख टन रह गया, जबकि आरबीडी पामोलिन आयात 21.07 लाख टन से घटकर 19.31 लाख टन रह गया।

नरम तेलों (सॉफ्ट आयल) में सोयाबीन तेल का आयात 35.06 लाख टन से मामूली रूप से घटकर 34.41 लाख टन रह गया, जबकि सूरजमुखी तेल का आयात 30.01 लाख टन से बढ़कर 35.06 लाख टन हो गया।

एसईए ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में आयात में रिफाइंड तेल की हिस्सेदारी तीन प्रतिशत से बढ़कर 12 प्रतिशत हो गई, जबकि कच्चे तेल की हिस्सेदारी 97 प्रतिशत से घटकर 88 प्रतिशत रह गई।

उद्योग निकाय ने कहा कि एक नवंबर तक विभिन्न बंदरगाहों पर 24.08 लाख टन खाद्य तेल का स्टॉक होने का अनुमान है।

इंडोनेशिया और मलेशिया भारत को आरबीडी पामोलिन और कच्चे पाम तेल (सीपीओ) के प्राथमिक आपूर्तिकर्ता हैं।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय