नयी दिल्ली, तीन जुलाई (भाषा) भारत में खान-पान सेवा बाजार के 2030 तक 10 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की संभावना है। इस दौरान ग्राहक आधार 45 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है।
बेन एंड कंपनी और स्विगी की रिपोर्ट ‘हाउ इंडिया ईट्स’ (भारत में खानपान का रुझान) में कहा गया है कि ऑनलाइन खानपान वितरण क्षेत्र में संचयी रूप से (सीजीआर) 18 प्रतिशत की दर से वृद्धि होने का अनुमान है। इसकी पहुंच 2023 में 12 प्रतिशत से बढ़कर 2030 तक 20 प्रतिशत हो जाएगी।
खानपान सेवा बाजार में बाहर खाना और घर पर ऑर्डर करके मंगाना शामिल हैं।
रिपोर्ट में कहा गया कि भारत में खानपान सेवा बाजार का वर्तमान मूल्य 5.5 लाख करोड़ रुपये है। अगले सात वर्षों में इस कारोबार के सालाना 10-12 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है, जो 2030 तक नौ से 10 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा।
रिपोर्ट में कहा गया, “यह वृद्धि मजबूत बुनियादी कारकों से प्रभावित होगी। इनमें विस्तारित ग्राहक आधार, बढ़ती खपत के अवसर और आपूर्ति में वृद्धि शामिल है। इसके अलावा ऑनलाइन खाद्य वितरण में (लगभग) 18 प्रतिशत सीएजीआर की दर से वृद्धि होने की उम्मीद है, जो 2030 तक कुल खानपान सेवा बाजार में 20 प्रतिशत का योगदान देगा।”
स्विगी फूड मार्केटप्लेस के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) रोहित कपूर ने कहा कि भारतीय खानपान सेवा बाजार, विशेष रूप से खाद्य वितरण में पिछले कुछ वर्षों में तेजी से वृद्धि हुई है।
उन्होंने कहा, ‘‘उच्च आय, डिजिटलीकरण, बेहतर ग्राहक अनुभव और नए अनुभवों को आजमाने की प्रवृत्ति ने इस वृद्धि में योगदान दिया है।’’
भाषा अनुराग रमण
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