(मौमिता बक्शी चटर्जी )
नयी दिल्ली, 22 जनवरी (भाषा) सॉफ्टवेयर उद्योग निकाय नैसकॉम ने बुधवार को कहा कि अमेरिका में पेशेवरों को दिए जाने वाले एच-1बी वीजा का आव्रजन मुद्दों से कोई लेना-देना नहीं है और यह अमेरिका में कौशल की खाई को पाटने का काम करता है।
शीर्ष उद्योग निकाय ने कहा कि प्रौद्योगिकी अमेरिका की आर्थिक वृद्धि की ‘मुख्य कड़ी’ होगी और इससे दोनों ही पक्षों की कंपनियों के लिए जीत सुनिश्चित करने वाली साझेदारी को बढ़ावा मिलेगा।
अमेरिकी में नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ लेने के साथ ही वीजा एवं आव्रजन के मुद्दे पर सख्त रुख अपनाने का अंदेशा जताया जा रहा है जिससे भारतीय पेशेवरों के लिए रोजगार संभावनाएं प्रभावित होने को जोखिम पैदा हो सकता है।
इस संदर्भ में नैसकॉम के उपाध्यक्ष शिवेंद्र सिंह ने एच-1बी वीजा पर जाने वाले पेशेवरों को सस्ता श्रम कहने और अमेरिकी निवासियों के रोजगार को प्रभावित करने के आरोपों को ‘मिथक’ बताने के साथ ही ट्रंप के कदमों से अमेरिका में भारतीय तकनीकी पेशेवरों के प्रवाह पर किसी भी प्रतिकूल प्रभाव से जुड़ी चिंताएं दूर करने की मांग की।
सिंह ने पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा कि नैसकॉम के पास भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) उद्योग की वृद्धि की कहानी को लेकर कम आशावादी होने का कोई कारण नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत और भारतीय प्रतिभाओं की अमेरिकी अर्थव्यवस्था के विकास में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है।
उन्होंने उम्मीद जताई कि अमेरिका के हालिया घटनाक्रम भारतीय आईटी उद्योग की संभावनाओं पर असर नहीं डालेंगे।
ट्रंप की नीतियों को लेकर बढ़ती बेचैनी और 250 अरब डॉलर के भारतीय आईटी उद्योग पर इसके प्रभाव को देखते हुए नैसकॉम की यह टिप्पणी काफी अहम है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने सोमवार को कार्यकारी आदेशों की झड़ी लगाते हुए अपना दूसरा कार्यकाल शुरू किया। उन्होंने जन्म के साथ ही नागरिकता मिलने की दशकों पुरानी आव्रजन नीति को समाप्त करने के लिए तेजी से कदम उठाए।
कई लोगों का मानना है कि इस कदम से एच-1बी वीजाधारकों के अमेरिका में जन्म लेने वाले बच्चों की नागरिक स्थिति प्रभावित हो सकती है।
इसके साथ ही ट्रंप ने ब्रिक्स समूह के देशों को अपनी चेतावनी दोहराई भी है कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार में अमेरिकी डॉलर की अहमियत कम करने के लिए कोई कदम उठाए जाने पर अमेरिका उन पर 100 प्रतिशत शुल्क लगाएगा।
इन चिंताओं पर सिंह ने कहा कि नैसकॉम आशावादी है कि प्रौद्योगिकी अमेरिकी अर्थव्यवस्था के विकास का मुख्य आधार बनी रहेगी।
सिंह ने कहा, ‘अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए अधिक धन अर्जित करने के ट्रंप प्रशासन के प्रयासों को देखते हुए हम भारतीय प्रौद्योगिकी उद्योग के साथ जीत वाली साझेदारी की बहुत संभावना देखते हैं।’
भाषा
प्रेम रमण
रमण