भारतीय रियल एस्टेट बाजार 2047 तक 10000 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है: क्रेडाई-कोलियर्स

भारतीय रियल एस्टेट बाजार 2047 तक 10000 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है: क्रेडाई-कोलियर्स

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  • Publish Date - September 23, 2024 / 01:27 PM IST,
    Updated On - September 23, 2024 / 01:27 PM IST

(मानवेन्द्र झा)

सिडनी, 23 सितंबर (भाषा) भारतीय रियल एस्टेट बाजार का आकार 2047 तक कई गुना होकर 5000 से 7000 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। बढ़ती आर्थिक वृद्धि तथा तीव्र शहरीकरण से यह 10,000 डॉलर तक भी पहुंच सकता है। एक रिपोर्ट में यह बात कही गई।

रियल एस्टेट क्षेत्र की शीर्ष संस्था क्रेडाई और रियल एस्टेट सलाहकार कोलियर्स इंडिया ने सोमवार को यहां ‘क्रेडाई नैटकॉन’ सम्मेलन में एक संयुक्त रिपोर्ट ‘इंडियन रियल एस्टेट: द क्वांटम लीप’ जारी की।

रिपोर्ट के अनुसार, 2047 तक भारतीय रियल एस्टेट का बाजार आकार निराशावादी परिदृश्य में 3000 से 5000 अरब डॉलर, यथार्थवादी परिदृश्य में 5000 से 7000 अरब डॉलर और आशावादी परिदृश्य में 7000 से 10000 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। भारत के कुल सकल घरेलू उत्पाद में रियल एस्टेट क्षेत्र की हिस्सेदारी 14-20 प्रतिशत होने का भी अनुमान है।

परामर्शदाता को सभी रियल एस्टेट खंडों में अधिक संस्थागतकरण तथा बाजार समेकन की उम्मीद है।

रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘ हम कार्यालय तथा आवास अचल संपत्ति जैसी प्रमुख परिसंपत्तियों की परिपक्वता, डेटा सेंटर तथा वरिष्ठ नागरिकों के आवास जैसी वैकल्पिक परिसंपत्तियों में मजबूत वृद्धि की भी उम्मीद करते हैं। ’’

इसके अतिरिक्त, रियल एस्टेट वृद्धि बड़े शहरों की सीमाओं से आगे बढ़कर कई छोटे शहरों तक पहुंचेगी।

क्रेडाई के राष्ट्रीय अध्यक्ष बोमन ईरानी ने कहा, ‘‘ तेजी से बढ़ते शहरीकरण, बढ़ती औसत आयु व प्रौद्योगिकी प्रगति जैसे गतिशील कारकों के परस्पर प्रभाव के साथ, हम एक बड़े बदलाव की कगार पर हैं… और वृद्धि तथा विविधीकरण के एक नए युग में प्रवेश कर रहे हैं। ’’

उन्होंने कहा कि अनुमान है कि 2047 तक भारत की 50 प्रतिशत आबादी शहरी केंद्रों में निवास करेगी, जिससे आवासीय, कार्यालय तथा खुदरा स्थानों में अभूतपूर्व मांग उत्पन्न होगी।

क्रेडाई के राष्ट्रीय चेयरमैन मनोज गौड़ ने कहा कि भारत ने 10000 अरब अमेरिकी डॉलर का रियल एस्टेट बाजार बनने का लक्ष्य रखा है, जो इस क्षेत्र की अनुकूलन तथा नवाचार की क्षमता से प्रेरित है।

उन्होंने कहा, ‘‘ रेरा और रिट विनियमन जैसी ऐतिहासिक पहलों से पारदर्शिता बढ़ी है, निवेशकों का विश्वास बढ़ा है और पूरे क्षेत्र में परिचालन सुव्यवस्थित हुआ है।’’

कोलियर्स इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) बादल याग्निक ने कहा, ‘‘ चूंकि भारत अधिकतर आर्थिक क्षेत्रों में विस्तार के दौर में प्रवेश कर रहा है, इसलिए रियल एस्टेट एक ‘क्वांटम लीप’ (बड़ी छलांग) के लिए तैयार है, जिसमें वृद्धि के अनेक अवसर उत्पन्न होंगे…’’

रिपोर्ट में कहा गया, रियल एस्टेट में यह दीर्घकालिक वृद्धि छह प्रमुख वृद्धि कारकों तीव्र शहरीकरण, बुनियादी ढांचे का विकास, डिजिटलीकरण, जनसांख्यिकीय बदलाव, स्थिरता तथा निवेश विविधीकरण पर आधारित है।

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