नयी दिल्ली, पांच जुलाई (भाषा) भारतीय कंपनियों ने 2024 की दूसरी तिमाही में 21.4 अरब अमेरिकी डॉलर के 501 सौदे किए।
‘ग्रांट थॉर्नटन भारत डीलट्रैकर’ की रिपोर्ट के अनुसार इस दौरान दो वर्षों में किसी तिमाही के मुकाबले सबसे अधिक संख्या में सौदे हुए।
रिपोर्ट में कहा गया कि हालांकि बड़े विलय-अधिग्रहण सौदे नहीं होने के चलते धनराशि में गिरावट आई।
ग्रांट थॉर्नटन ने कहा कि विलय और अधिग्रहण (एमएंडए) और निजी इक्विटी (पीई) सौदे कुल मिलाकर 467 रहे। इसका मूल्य 14.9 अरब अमेरिकी डॉलर था। इन सौदों की संख्या में नौ प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि इनकी धनराशि में 28 प्रतिशत की कमी आई।
इसकी एक बड़ी वजह पिछली तिमाही में 8.5 अरब डॉलर का रिलायंस-डिज्नी बड़ा विलय सौदा था।
समीक्षाधीन तिमाही में एक सौदा एक अरब डॉलर का हुआ, जबकि उच्च मूल्य वाले (10 करोड़ डॉलर से अधिक) 30 सौदे हुए। उच्च मूल्य वाले सौदों में पिछली तिमाही के मुकाबले 58 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
ग्रांट थॉर्नटन ने कहा कि भारतीय कंपनियां स्थानीय स्तर पर निवेश बढ़ा रही हैं, जो घरेलू निवेश माहौल में मजबूत भरोसे को दर्शाता है।
भाषा पाण्डेय रमण
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