(सीमा हाकू काचरू)
ह्यूस्टन, 19 सितंबर (भाषा) पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि भारत के छठे सबसे बड़े ऊर्जा व्यापार साझेदार अमेरिका के साथ बढ़ता द्विपक्षीय व्यापार 200 अरब डॉलर के मौजूदा स्तर से बढ़कर 500 अरब डॉलर से भी आगे निकलने की क्षमता रखता है।
पुरी ने ऊर्जा कंपनियों के साथ एक गोलमेज सम्मेलन में कहा कि दोनों देशों के बीच हाइड्रोकार्बन व्यापार वित्त वर्ष 2023-24 में 13.6 अरब डॉलर तक पहुंच गया जो 2018-19 के आंकड़े से लगभग दोगुना है।
यहां ‘वैश्विक ऊर्जा सम्मेलन गैस्टेक-2024’ के मौके पर आयोजित इस गोलमेज सम्मेलन में यूएसआईएसपीएफ के अध्यक्ष और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) मुकेश अघी और ह्यूस्टन में भारत के महावाणिज्यदूत डी सी मंजूनाथ ने भी शिरकत की।
पुरी ने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 के पहले दो महीनों में 2.43 अरब डॉलर मूल्य के हाइड्रोकार्बन व्यापार के साथ अमेरिका अब भारत का छठा बड़ा ऊर्जा व्यापार साझेदार बन चुका है। यह रफ्तार दोनों देशों के कुल द्विपक्षीय व्यापार के 200 अरब डॉलर से बढ़कर 500 अरब डॉलर से अधिक होने की संभावना को दर्शाती है।
पेट्रोलियम मंत्री ने अपनी अमेरिका यात्रा में भारत-अमेरिका व्यापार परिषद (यूएसआईबीसी) एवं भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी मंच (यूएसआईएसपीएफ) के हितधारकों और उद्योग जगत के नेताओं के साथ मिलकर यूएस-इंडिया ऊर्जा साझेदारी के महत्व को रेखांकित किया।
पुरी ने कहा कि जी20 समूह की अध्यक्षता रहते समय भारत ने अमेरिका और अन्य समान विचारधारा वाले देशों के सहयोग से वैश्विक जैव-ईंधन गठजोड़ की शुरुआत की। इस पहल का उद्देश्य कम कार्बन उत्सर्जन वाले समाधान विकसित करना और उन्हें लागू करना है।
उन्होंने अमेरिकी ऊर्जा विभाग में जीवाश्म ऊर्जा और कार्बन प्रबंधन कार्यालय के सहायक सचिव ब्रैड क्रैबट्री के साथ बैठक में 2070 तक शुद्ध-शून्य उत्सर्जन का लक्ष्य रखते हुए तीसरे बड़े हाइड्रोकार्बन उपभोक्ता के रूप में भारत के समक्ष मौजूद चुनौतियों पर चर्चा की।
इसके साथ ही पुरी ने पेट्रोलियम कंपनियों विटॉल, बेकर ह्यूजेस और वुडसाइड एनर्जी के नेताओं के साथ भारत में निवेश और सहयोग के अवसरों पर चर्चा की। उन्होंने शेल यूएसए को मुक्त क्षेत्र लाइसेंसिंग नीति (ओएएलपी) बोली के आगामी दौर में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
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