नयी दिल्ली, 28 जून (भाषा) वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि भारत और अमेरिका ने ई-कॉमर्स आपूर्ति पर दो प्रतिशत समानीकरण शुल्क या डिजिटल कर को 30 जून तक बढ़ाने का फैसला किया है।
अंतरराष्ट्रीय कर प्रणाली में एक बड़े सुधार के तहत, भारत और अमेरिका, ओईसीडी/जी20 समावेशी ढांचे के 134 अन्य सदस्यों (ऑस्ट्रिया, फ्रांस, इटली, स्पेन और ब्रिटेन सहित) के साथ मिलकर आठ अक्टूबर 2021 को अर्थव्यवस्था के डिजिटलीकरण से उत्पन्न कर चुनौतियों के समाधान के लिए दो स्तरीय समाधान पर एक समझौते पर पहुंच गए थे।
अमेरिका, ऑस्ट्रिया, फ्रांस, इटली, स्पेन और ब्रिटेन ने 21 अक्टूबर 2021 को एक स्तंभ के क्रियान्वयन के दौरान लागू एकतरफा उपायों के लिए बदलाव के दृष्टिकोण पर एक राजनीतिक समझौता किया था।
भारत और अमेरिका 24 नवंबर 2021 को इस बात पर सहमत हुए कि अक्टूबर 2021 के संयुक्त वक्तव्य के तहत लागू होने वाली वही शर्तें भारत तथा अमेरिका के बीच ई-वाणिज्य सेवाओं की आपूर्ति पर दो प्रतिशत समानीकरण शुल्क के (भारत के शुल्क तथा उक्त समानीकरण शुल्क के संबंध में) अमेरिका की व्यापार कार्रवाई के संबंध में लागू होंगी।
इस समझौते की वैधता एक अप्रैल 2022 से स्तंभ एक के कार्यान्वयन तक या 31 मार्च 2024 तक (जो भी पहले हो) तक थी।
समावेशी ढांचे ने 18 दिसंबर 2023 को एक बयान जारी कर मार्च 2024 के अंत तक स्तंभ एक बहुपक्षीय सम्मेलन के पाठ को अंतिम रूप देने का आह्वान किया, ताकि जून 2024 के अंत तक हस्ताक्षर समारोह आयोजित किया जा सके।
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘ उपर्युक्त घटनाक्रमों के मद्देनजर भारत तथा अमेरिका ने 24 नवंबर के वक्तव्यों में दर्शाए गए समझौते की वैधता को 30 जून 2024 तक बढ़ाने का फैसला किया है। बदलाव के दृष्टिकोण की अन्य सभी शर्तें समान रहेंगी।’’
इसमें कहा गया कि भारत और अमेरिका निकट संपर्क में रहेंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि संबंधित प्रतिबद्धता के बारे में आम समझ हो और रचनात्मक बातचीत के जरिए इस मामले पर सभी मुद्दों को हल करने का प्रयास किया जाए।
भाषा निहारिका रमण
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