नयी दिल्ली, पांच जुलाई (भाषा) आर्थिक मामलों के टिप्पणीकार मार्टिन वुल्फ ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भारत को वर्ष 2047 तक उच्च आय वाली अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य हासिल कर पाना मुश्किल है, लेकिन उस समय तक इसे उच्च-मध्यम आय वाला देश बन जाना चाहिए।
ब्रिटिश समाचारपत्र ‘फाइनेंशियल टाइम्स’ के लिए आर्थिक मामलों पर लेख लिखने वाले वुल्फ ने कहा कि भारत वर्ष 2047 तक एक महाशक्ति भी बन जाएगा।
वुल्फ ने कट्स इंटरनेशनल के सालाना व्याख्यान में कहा, ‘भारत 2047 तक उच्च आय वाला देश बनना चाहता है। ऐसा हो पाना तो मुश्किल है। लेकिन तब तक इसे उच्च मध्यम आय वाला देश बन जाना चाहिए।’
उन्होंने कहा कि धीमी रफ्तार से बढ़ने वाली और आघातों से जूझ रही दुनिया भारत के लिए अपने लक्ष्य तक पहुंच पाने को मुश्किल बना देगी।
वुल्फ ने कहा, ‘भारत को अपने प्रभाव का उपयोग करके उस दुनिया को अनुकूल दिशा में ढालने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। उसे अपने पास मौजूद अवसरों का फायदा उठाने के लिए खुद को भी ढालना होगा।’
प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साल स्वतंत्रता दिवस के अपने संबोधन में वर्ष 2047 में देश की आजादी के 100 साल पूरा होने पर ‘विकसित भारत’ बनाने का संकल्प जताया था।
फिलहाल दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था भारत की गिनती एक विकासशील राष्ट्र के रूप में होती है। एक विकसित देश की पहचान अपेक्षाकृत उच्च स्तर की आर्थिक वृद्धि, रहन-सहन के एक सामान्य स्तर, उच्च प्रति व्यक्ति आय के साथ मानव शिक्षा, साक्षरता और स्वास्थ्य में अच्छे प्रदर्शन से होती है।
वुल्फ ने कहा कि भारत अभी भी वैश्विक अवसरों का लाभ उठा सकता है और वह सभी पक्षों के साथ उपयोगी और उत्पादक आर्थिक संबंध बना सकता है।
उन्होंने कहा, ‘अगर यह कोशिश करे तो वस्तुओं और सेवाओं के प्रतिस्पर्धी वैश्विक आपूर्तिकर्ता के रूप में चीन की आंशिक रूप से जगह ले सकता है। यह प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लिए एक आकर्षक स्थल बन सकता है।’
वुल्फ ने कहा कि ‘चीन प्लस वन’ की दुनिया में भारत स्पष्ट तौर पर एक ‘प्लस वन’ है और ‘चीन के अलावा कोई भी देश’ वाली दुनिया में तो इसकी अहमियत और भी अधिक है।
उन्होंने कहा कि भारत के पश्चिम के साथ अच्छे संबंध हैं, जिसके लिए यह रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है।
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प्रेम रमण
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