भारत, ब्रिटेन प्रस्तावित एफटीए पर बातचीत फरवरी में बहाल करने पर विचार कर रहे: वाणिज्य मंत्रालय

भारत, ब्रिटेन प्रस्तावित एफटीए पर बातचीत फरवरी में बहाल करने पर विचार कर रहे: वाणिज्य मंत्रालय

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  • Publish Date - January 15, 2025 / 06:11 PM IST,
    Updated On - January 15, 2025 / 06:11 PM IST

नयी दिल्ली, 15 जनवरी (भाषा) भारत और ब्रिटेन प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर बातचीत फरवरी में फिर शुरू करने के लिए सुविधाजनक तिथियों पर विचार कर रहे हैं। वाणिज्य मंत्रालय ने यह जानकारी दी।

प्रस्तावित एफटीए के लिए वार्ता जनवरी, 2022 में शुरू हुई थी। दोनों देशों में आम चुनाव नजदीक आने 14वें दौर की वार्ता रुक गई।

मंत्रालय ने बुधवार को कहा, “फरवरी की शुरुआत में अगले दौर की वार्ता के लिए पारस्परिक रूप से सुविधाजनक तारीख पर विचार किया जा रहा है।”

भारत और ब्रिटेन के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2022-23 में 20.36 अरब डॉलर से बढ़कर 2023-24 में 21.34 अरब डॉलर हो गया।

यूरोपीय संघ (ईयू) के साथ इसी तरह के समझौते के बारे में मंत्रालय ने कहा कि 10वें दौर की वार्ता 10-14 मार्च को ब्रसेल्स में निर्धारित है।

दोनों पक्ष एक मुक्त व्यापार समझौते, एक निवेश संरक्षण समझौते और भौगोलिक संकेतक (जीआई) पर एक समझौते पर बातचीत कर रहे हैं।

नौवें दौर में दोनों पक्षों ने वस्तुओं, सेवाओं, निवेश और सरकारी खरीद से जुड़े व्यापार मुद्दों पर चर्चा की। इस दौर में उत्पत्ति के नियम, एसपीएस (सैनिटरी और फाइटोसैनिटरी) और व्यापार में तकनीकी बाधाओं जैसे आवश्यक नियमों पर भी चर्चा की गई।

जून, 2022 में भारत और 27 देशों के संघ ईयू के बीच आठ साल के अंतराल के बाद वार्ता बहाल हुई। कई मुद्दों पर मतभेदों के कारण यह वार्ता साल 2013 से रुकी हुई थी।

साल 2023 में कुल व्यापार 200 अरब डॉलर को पार कर गया है। भारत ने यूरोपीय संघ को 75.18 अरब डॉलर की वस्तुओं और 31.13 अरब डॉलर की सेवाओं का निर्यात किया। वहीं, यूरोपीय संघ ने भारत को 63.44 अरब डॉलर की वस्तुओं और 31.35 अरब डॉलर की सेवाओं का निर्यात किया।

भारत-यूरेशियन आर्थिक संघ (ईएईयू) मुक्त व्यापार समझौते पर मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्ष वर्तमान में समझौते के लिए संदर्भ की शर्तों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में हैं।

यूरेशियन आर्थिक संघ (ईईयू) के पांच सदस्य आर्मेनिया, बेलारूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान और रूस हैं।

ऐसे समझौतों में, दो या दो से अधिक व्यापारिक साझेदार परस्पर व्यापार वाली वस्तुओं की अधिकतम संख्या पर सीमा शुल्क को या तो समाप्त कर देते हैं या काफी कम कर देते हैं। ये समझौते भारतीय वस्तुओं और सेवाओं के लिए अधिक बाजार पहुंच प्रदान करते हैं।

रूस इस समूह में भारत का शीर्ष व्यापारिक साझेदार है। वित्त वर्ष 2023-24 में रूस को भारत का निर्यात 4.26 अरब डॉलर रहा, जबकि कच्चे तेल के आयात में वृद्धि के कारण आयात 61.43 अरब डॉलर रहा।

भारत और दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों का संगठन (आसियान) के बीच वस्तुओं में मुक्त व्यापार समझौते की समीक्षा के लिए वार्ता में प्रगति पर मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव राजेश अग्रवाल ने कहा कि बैठक का अगला दौर 10 फरवरी से इंडोनेशिया में निर्धारित है।

वार्ता में प्रगति हुई है, लेकिन वस्तुओं को लेकर कुछ समस्याएं हैं।

भाषा अनुराग रमण

रमण