नयी दिल्ली, 27 अप्रैल (भाषा) भारत जी20 समूह में साझा रिपोर्टिंग मानक (सीआरएस ) के दायरे में विस्तार पर जोर दे रहा है ताकि आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) के सदस्य देशों के बीच गैर-वित्तीय परिसंपत्तियों को सूचना के स्वत: आदान-प्रदान (एईओआई) व्यवस्था के तहत लाया जा सके।
राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
ओईसीडी की एईओआई रूपरेखा के तहत मौजूदा समय में कर चोरी पर लगाम लगाने के लिए देशों के बीच वित्तीय खातों के विवरण साझा किए जाते हैं। अगस्त, 2022 में ओईसीडी ने क्रिप्टो संपत्ति रिपोर्टिंग रूपरेखा (सीएआरएफ) को भी मंजूरी दी थी।
‘कर उद्देश्यों के लिए सूचना के आदान-प्रदान और पारदर्शिता संबंधी वैश्विक फोरम की एशिया की पहल’ विषय पर बैठक को संबोधित करते हुए राजस्व सचिव मल्होत्रा ने कहा कि सूचना के स्वत: आदान-प्रदान की व्यवस्था के दायरे का विस्तार करने की जरूरत है ताकि सूचना का उपयोग न केवल कर चोरी को रोकने के लिए बल्कि अन्य गैर-कर कानून प्रवर्तन उद्देश्यों के लिए भी किया जा सके।
उन्होंने आगे कहा, ‘‘हम सामान्य रिपोर्टिंग मानक का विस्तार वित्तीय क्षेत्र से लेकर अन्य नए गैर वित्तीय खातों, परिसंपत्तियों तक करना चाहते हैं। जोखिम सिर्फ वित्तीय संपत्तियों में ही नहीं बल्कि गैर-वित्तीय और रियल एस्टेट, संपत्तियों आदि में भी कर चोरी का जोखिम होता है।’’
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मानसी अजय
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