भुवनेश्वर, 20 जनवरी (भाषा) भारत के महत्वपूर्ण खनिजों के वैश्विक केंद्र के रूप में उभरने के बारे में आशान्वित केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने सोमवार को कहा कि केंद्र जल्द ही घरेलू उत्पादन को बढ़ाने, आयात निर्भरता कम करने और अपतटीय खनन नीलामी को प्रोत्साहित करने के लिए राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन (सीएमएम) शुरू करेगा।
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी, बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा, तेलंगाना के उपमुख्यमंत्री भट्टी विक्रमार्क मल्लू और अन्य गणमान्य व्यक्तियों और उद्योग जगत के नेताओं की उपस्थिति में कोणार्क में तीसरे राष्ट्रीय खनन मंत्रियों के सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद रेड्डी ने यह टिप्पणी की।
केंद्रीय कोयला और खान मंत्री ने राज्यों द्वारा महत्वपूर्ण खनिजों की खोज और नीलामी में तेजी लाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा, ‘‘भारत महत्वपूर्ण खनिजों के लिए वैश्विक गंतव्य होगा। हम आत्मनिर्भरता बढ़ाने और आयात निर्भरता को कम करने के लिए 75 वर्षों में पहली बार अपतटीय खनिज नीलामी में अग्रणी हैं।’’
उन्होंने 16 राज्यों के खनन मंत्रियों की मौजूदगी वाले सम्मेलन में कहा कि सीएमएम को जल्द ही केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में इसकी घोषणा की थी। रेड्डी ने कहा कि महत्वपूर्ण खनिजों पर आयात शुल्क भी शून्य कर दिया गया है।
भारत द्वारा पहले ही महत्वपूर्ण खनिजों पर वैश्विक मंच पर आसीन होने की बात करते हुए, रेड्डी ने कहा कि उनका मंत्रालय चाहता है कि सार्वजनिक और निजी क्षेत्र इस संबंध में मिलकर काम करें। उन्होंने राज्यों को पारदर्शिता के साथ खनन गतिविधियों में निजी पक्षों को शामिल करने का सुझाव दिया।
रेड्डी ने यह भी कहा कि भारत ने 48 महत्वपूर्ण खनिज ब्लॉकों की नीलामी शुरू की, जिनमें से 24 सफलतापूर्वक आवंटित किए गए। उन्होंने कहा, ‘‘आज 15 महत्वपूर्ण खनिज ब्लॉकों की पांचवीं किस्त की पेशकश शुरू की गई, और उद्योगों ने पूरे उत्साह के साथ भाग लिया। यह गति जारी रहनी चाहिए।’’
केंद्रीय मंत्री ने राज्यों से खनन संसाधनों की खोज बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण ट्रस्ट की तर्ज पर राज्य खनिज अन्वेषण ट्रस्ट स्थापित करने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि केंद्र ट्रस्ट के लिए कुछ सहायता प्रदान करेगा और राज्य रॉयल्टी से कुछ धन का उपयोग कर सकते हैं।
रेड्डी ने राज्यों से मिशन मोड में खनन के बाद छोड़ी गई भूमि को विकसित करने का आह्वान किया। उन्होंने सुझाव दिया कि छोड़ी गई खदानों का उपयोग सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए किया जा सकता है।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने कहा कि अपने विशाल खनिज संसाधनों के लिए जाना जाने वाला यह राज्य भारत के औद्योगिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह सम्मेलन टिकाऊ और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार खनन प्रथाओं को सुनिश्चित करने के लिए ज्ञान-साझाकरण, सहयोग और नीति विचार-विमर्श के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करता है।’’
रेड्डी और माझी दोनों ने सम्मेलन में संयुक्त रूप से माइनिंग टेनमेंट सिस्टम (एमटीएस) का शुभारंभ किया।
भाषा राजेश राजेश अजय
अजय
अजय