भारत, सिंगापुर ने उभरते व भविष्योन्मुखी क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की प्रतिबद्धता की जाहिर

भारत, सिंगापुर ने उभरते व भविष्योन्मुखी क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की प्रतिबद्धता की जाहिर

भारत, सिंगापुर ने उभरते व भविष्योन्मुखी क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की प्रतिबद्धता की जाहिर
Modified Date: August 26, 2024 / 05:41 pm IST
Published Date: August 26, 2024 5:41 pm IST

(तस्वीरों के साथ)

सिंगापुर, 26 अगस्त (भाषा) भारत और सिंगापुर ने उभरते तथा भविष्योन्मुखी क्षेत्रों में सहयोग को और बढ़ाने का सोमवार को संकल्प किया।

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने भारत-सिंगापुर मंत्रिस्तरीय गोलमेज (आईएसएमआर) सम्मेलन के तहत पहचाने गए छह स्तंभों पर विचार-विमर्श किया। दूसरे आईएसएमआर में सिंगापुर के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व उप प्रधानमंत्री गान किम योंग ने किया।

वित्त मंत्री सीतारमण ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर अपने आधिकारिक खाते पर जानकारी दी, ‘‘ बैठक में नेताओं ने उभरते तथा भविष्योन्मुखी क्षेत्रों में भारत और सिंगापुर के बीच सहयोग को और बढ़ाने के तरीकों पर जोर दिया। दोनों पक्षों ने आईएसएमआर के तहत पहचाने गए छह स्तंभों पर विचार-विमर्श किया, जिनमें डिजिटलीकरण, कौशल विकास, स्थिरता, स्वास्थ्य सेवा व चिकित्सा, उन्नत विनिर्माण और संपर्क शामिल हैं।’’

इसमें कहा गया, नेताओं ने भारत और सिंगापुर के बीच राजनयिक संबंधों की 60वीं वर्षगांठ मनाने की योजनाओं के साथ-साथ आसियान और जी-20 सहित क्षेत्रीय व वैश्विक सहयोग पर भी चर्चा की। आईएसएमआर के पहले दौर की चर्चाओं के परिणामस्वरूप स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा तथा कौशल विकास, डिजिटल सहयोग और सेमीकंडक्टर परिदृश्य सहयोग पर समझौता ज्ञापन सफलतापूर्वक संपन्न हुए हैं।

बैठक में सीतारमण के साथ विदेश मंत्री एस. जयशंकर, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी मौजूद रहे।

आईएसएमआर भारत-सिंगापुर द्विपक्षीय संबंधों के लिए एक नया एजेंडा निर्धारित करने के लिए स्थापित एक अद्वितीय तंत्र है। इसकी पहली बैठक सितंबर, 2022 में नयी दिल्ली में हुई थी।

भाषा निहारिका अजय

अजय


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