भारत ने रियाद डिजाइन कानून संधि पर किए हस्ताक्षर

भारत ने रियाद डिजाइन कानून संधि पर किए हस्ताक्षर

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  • Publish Date - November 26, 2024 / 04:33 PM IST,
    Updated On - November 26, 2024 / 04:33 PM IST

नयी दिल्ली, 26 नवंबर (भाषा) भारत ने रियाद डिजाइन कानून संधि पर हस्ताक्षर किए हैं जिसका मकसद विभिन्न देशों में औद्योगिक डिजाइन की पंजीकरण प्रक्रिया को सुसंगत और सरल बनाना है।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने मंगलवार को बयान कहा, लगभग दो दशक की बातचीत के बाद विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (डब्ल्यूआईपीओ) के सदस्य देशों ने डिजाइन कानून संधि (डीएलटी) को अपनाया है।

आधिकारिक बयान के अनुसार, ‘‘ रियाद डिजाइन कानून संधि के अंतिम अधिनियम पर हस्ताक्षर कर भारत अपनी प्रगति को आगे बढ़ा रहा है। साथ ही समावेशी विकास को बढ़ावा देने और बौद्धिक संपदा संरक्षण तक न्यायसंगत पहुंच सुनिश्चित करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।’’

इसमें कहा गया, इस संधि का मकसद औद्योगिक डिजाइन संरक्षण के लिए प्रक्रियात्मक ढांचे में सामंजस्य स्थापित करना, विभिन्न अधिकार क्षेत्रों में पंजीकरण प्रक्रियाओं की दक्षता और पहुंच में सुधार करना है।

डीएलटी ने डिजाइन आवेदकों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से कई प्रमुख प्रावधान प्रस्तुत किए हैं, जिनमें आरामदायक समयसीमा, छिन गए अधिकारों की बहाली, प्राथमिक दावों को सही करने या अतिरिक्त कुछ जोड़ने का विकल्प, लाइसेंस रिकॉर्ड करने की आसान प्रक्रियाएं और एक ही आवेदन में कई डिजाइन दाखिल करने का विकल्प शामिल हैं।

यह संधि अनुबंध वाले पक्षों को इलेक्ट्रॉनिक औद्योगिक डिजाइन प्रणालियों के कार्यान्वयन और प्राथमिकता दस्तावेजों के इलेक्ट्रॉनिक आदान-प्रदान को सुविधाजनक बनाने की दिशा में काम करने के लिए भी प्रोत्साहित करती है।

भारत में पिछले दशक में डिजाइन पंजीकरण तीन गुना बढ़ गया है। पिछले दो वर्षों में घरेलू ‘फाइलिंग’ में 120 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

डब्ल्यूआईपीओ के 190 से अधिक सदस्य हैं।

भाषा निहारिका अजय

अजय