नयी दिल्ली, 27 सितंबर (भाषा) भारत और उज्बेकिस्तान ने शुक्रवार को द्विपक्षीय निवेश संधि (बीआईटी) पर हस्ताक्षर किए। इसका उद्देश्य दोनों देशों के निवेशकों का विश्वास बढ़ाना है।
भारत सरकार और उज्बेकिस्तान सरकार के बीच बीआईटी पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और उज्बेकिस्तान के उप प्रधानमंत्री खोदजायेव जमशेद अब्दुखाकिमोविच ने ताशकंद में हस्ताक्षर किए।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि बीआईटी प्रासंगिक अंतरराष्ट्रीय गतिविधियो के मद्देनजर भारत में उज्बेकिस्तान के निवेशकों और उज्बेकिस्तान में भारतीय निवेशकों को उचित सुरक्षा का भरोसा देता है।
इसमें कहा गया कि यह मध्यस्थता के माध्यम से विवाद निपटान के लिए एक स्वतंत्र मंच देगा और निवेशकों को गैर-भेदभाव का भरोसा देगा।
संधि में निवेश को जब्त होने से बचाने, पारदर्शिता, हस्तांतरण और नुकसान की भरपाई का प्रावधान है। हालांकि, बयान में कहा गया है कि निवेशक और निवेश को सुरक्षा देते समय राज्य के विनियमन के अधिकार के संबंध में संतुलन बनाए रखा गया है।
बीआईटी पर हस्ताक्षर आर्थिक सहयोग बढ़ाने और अधिक मजबूत निवेश वातावरण बनाने के लिए दोनों देशों की साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
इस संधि से आपसी निवेश में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है, जिससे दोनों देशों में व्यवसायों और अर्थव्यवस्थाओं को लाभ होगा।
भाषा पाण्डेय रमण
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