सिंगापुर, 24 मार्च (भाषा) भारत ने बंदरगाह के बुनियादी ढांचे का विस्तार करने और कारोबार सुगमता की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए व्यापक प्रयास शुरू किए हैं और ये सुधार बंदरगाह की दक्षता में वृद्धि, मजबूत मालवहन प्रवाह और बढ़ते निवेशक भरोसे के रूप में फल दे रहे हैं। पोत परिवहन, बंदरगाह और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने यह जानकारी दी है।
सिंगापुर में 24-28 मार्च तक आयोजित समुद्री सप्ताह को संबोधित करते हुए सोनोवाल ने कहा कि भारत, दुनियाभर के जहाज निर्माण उद्योगों के लिए एक विश्वसनीय और प्रतिस्पर्धी विकल्प बनने के लिए काम कर रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘नीतिगत प्रोत्साहन, कारोबार सुगमता और बुनियादी ढांचे में वृद्धि के माध्यम से हम वर्ष 2047 तक भारत को शीर्ष पांच जहाज निर्माण देशों में से एक के रूप में उभरने की नींव रख रहे हैं।’’
इसके अलावा, भारत हरित हाइड्रोजन और इसके डेरिवेटिव के निर्माण का समर्थन करने और समुद्री क्षेत्र में वैकल्पिक ईंधन के उपयोग में अग्रणी होने के लिए तीन हरित हाइड्रोजन केंद्र बंदरगाहों – कांडला, तूतीकोरिन और पारादीप की स्थापना कर रहा है।
भारतीय बंदरगाह, आज वैश्विक मालवहन (कार्गो) का लगभग छह प्रतिशत भाग संभालते हैं। मंत्री ने कहा कि वर्ष 2047 तक यह हिस्सा बढ़कर 15 प्रतिशत होने की उम्मीद है।
भाषा राजेश राजेश अजय
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