नयी दिल्ली, चार नवंबर (भाषा) केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने सोमवार को कहा कि भारत को एक बार फिर भारतीय सौर गठबंधन (आईएसए) का अध्यक्ष चुन लिया गया है। वह 2024 से 2026 तक के यह दायित्व संभालेगा।
आईएसए की सातवीं आमसभा के मौके पर जोशी ने संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि फ्रांस को एक बार फिर आईएसए का उपाध्यक्ष चुना गया है।
जोशी ने कहा कि भारत का अध्यक्ष पद पर दोबारा चुना जाना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में भारत की तरफ से दुनियाभर में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के प्रभावशाली प्रयासों का प्रमाण है। भारत ने मिनी-ग्रिड एवं स्वास्थ्य देखभाल समाधान जैसी जरूरी सौर परियोजनाओं में निवेश बढ़ाने के लिए भी असरदार कदम उठाए हैं।
अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन की स्थायी समिति ने भारत को अध्यक्ष चुनने के साथ आठ उपाध्यक्ष भी चुने हैं। दुनिया के चार भौगोलिक क्षेत्रों में दो-दो उपाध्यक्षों का चुनाव किया गया है।
अफ्रीकी क्षेत्र से घाना एवं सेशेल्स, एशिया एवं प्रशांत क्षेत्र से ऑस्ट्रेलिया एवं श्रीलंका, यूरोप एवं अन्य क्षेत्र से जर्मनी एवं इटली और लातिनी अमेरिका एवं कैरेबियाई क्षेत्र से ग्रेनेडा एवं सूरीनाम को उपाध्यक्ष चुना गया है।
आईएसए के सदस्य देशों ने गठबंधन के तीसरे महानिदेशक का भी चयन किया है। इस पद पर आशीष खन्ना को महानिदेशक नामित किया गया है। वह मौजूदा महानिदेशक अजय माथुर का कार्यकाल समाप्त होने पर मार्च, 2025 में पदभार ग्रहण करेंगे।
आईएसए ने 2020 में अल्प-विकसित देशों (एलडीसी) और लघु द्वीप विकास राज्यों (एसआईडीएस) की जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रदर्शन परियोजनाएं शुरू की थीं। इसका उद्देश्य सौर प्रौद्योगिकी अनुप्रयोगों का प्रदर्शन था, जिन्हें बढ़ाया जा सके और सदस्य देशों में इन सौर ऊर्जा संचालित समाधान के लिए क्षमता तैयार की जा सके।
जोशी ने कहा कि इनमें से 11 परियोजनाएं संबंधित देशों के लोगों को समर्पित थीं। इनमें भूटान, बुर्किना फासो, कंबोडिया, क्यूबा, जिबूती, इथियोपिया, मॉरीशस, समोआ, सेनेगल, गाम्बिया और टोंगा शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि आईएसए सौर ऊर्जा परियोजनाओं को बढ़ाने और अपने लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के प्रयासों में सरकारों का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण (वीजीएफ) योजना के लिए दिशानिर्देश पर भी चर्चा होगी।
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