(फाइल फोटो के साथ)
नयी दिल्ली, 14 जनवरी (भाषा) आईटीसी के चेयरमैन संजीव पुरी ने कहा है कि पिछले दशक के परिवर्तनकारी सुधारों ने भारत को वैश्विक मंच पर पहुंचा दिया है और यह भारत के लिए ऐतिहासिक क्षण है। इसके साथ ही पुरी ने भरोसा जताया मजबूत वृहद बुनियादी ढांचे और उद्देश्यपूर्ण नीतिगत हस्तक्षेप के दम पर देश 2047 तक विकसित राष्ट्र बन जाएगा।
भारत माल एवं सेवा कर (जीएसटी) जैसे ऐतिहासिक सुधारों तथा बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने से दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, जबकि 2014 में यह दुनिया की 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था।
पुरी ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ साक्षात्कार में कहा, ‘‘ नई विश्व व्यवस्था (जो भू-अर्थशास्त्र और भू-राजनीति पर नई नीतियों की विशेषता पर केंद्रित है) में मेरा मानना है कि विश्व, आपूर्ति श्रृंखला विविधीकरण और आपूर्ति श्रृंखला की मजबूती की ओर देख रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ जलवायु संबंधी आपात स्थिति के कारण दुनिया की नजहर ऊर्जा बदलाव पर है। डिजिटल बदलाव एक और क्षेत्र है जिससे दुनिया गुजर रही है। खाद्य तथा पोषण सुरक्षा वैश्विक चिंता का विषय बन रहे हैं। अब इन सभी क्षेत्रों में मुझे लगता है कि भारत एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है क्योंकि भारत में प्रतिभा है, भारत के पास कौशल है।’’
पुरी ने कहा, ‘‘ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत 21वीं सदी की आर्थिक महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर है। ऐसे समय में जब चीन और पश्चिम के बीच संबंध लगातार खराब होते जा रहे हैं, भारत अधिकतर प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के साथ अच्छे संबंधों का फायदा ले रहा है। भारत उन निवेशकों तथा विनिर्माताओं को चीन के अलावा एक विकल्प प्रदान करता है जो आपूर्ति श्रृंखला जोखिमों को कम करना चाहते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ ये भारत के लिए काफी बड़े अवसर हैं। इसलिए मुझे लगता है कि यह भारत के लिए बहुत अच्छा समय है। यह भारत के लिए ऐतिहासिक क्षण है और मुझे लगता है कि भारत का भविष्य बहुत उज्ज्वल है।’’
भारत के वित्त वर्ष 2027-28 तक जापान और जर्मनी दोनों को पीछे छोड़ते हुए तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का अनुमान है। उस समय तक भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 5,000 अरब अमेरिकी डॉलर के आंकड़े को पार कर जाएगा।
अर्थव्यवस्था में हालिया मंदी पर पुरी ने कहा कि आर्थिक बदलाव का सफर कभी भी एक स्तर पर चलकर तय नहीं किया जा सकता।
उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि भारत बहुत अच्छी स्थिति में है। वृहद आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इसमें उद्देश्यपूर्ण नीतिगत हस्तक्षेप शामिल हैं जिनमें से अधिकतर हस्तक्षेप केंद्र सरकार और कुछ राज्यों द्वारा कई वर्षों में किए गए हैं।’’
पुरी ने कहा कि भारत के पास अपेक्षित प्राकृतिक संसाधन हैं। ऊर्जा बदलाव जैसे रणनीतिक उभरते क्षेत्रों पर देश का ध्यान उसे आर्थिक महाशक्ति बनाने की ओर अग्रसर कर रहा है।
भारत के 2047 तक ‘विकसित राष्ट्र’ बनने के बारे में पूछे जाने पर पुरी ने कहा, ‘‘ यह काफी हद तक संभव है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ बेशक। नागरिक समाज या निजी उद्यम या नीति-निर्माता..हम सभी को इसके लिए सामूहिक रूप से काम करना होगा क्योंकि यह नवोन्मेषण व प्रौद्योगिकी का संयोजन है। यह नीतिगत सुधारों का भी संयोजन है। सभी को मिलकर काम करना होगा।’’
पुरी ने कहा कि जब अधिकतर उन्नत अर्थव्यवस्थाएं आर्थिक सुस्ती, ऊंची मुद्रास्फीति और वृद्ध होती आबादी आदि जैसी समस्याओं का सामना कर रही हैं…भारतीय अर्थव्यवस्था को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) सहित प्रमुख बहुपक्षीय संगठनों द्वारा सबसे तेजी से बढ़ने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था माना जाता है।
भाषा निहारिका अजय
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