नयी दिल्ली, 27 जनवरी (भाषा) भारत और ओमान के वाणिज्य मंत्रियों ने सोमवार को दोनों देशों के बीच प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) की प्रगति की समीक्षा की और समझौते के लिए वार्ता को आगे बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया।
मस्कट में वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और ओमान के वाणिज्य, उद्योग और निवेश संवर्धन मंत्री कैस बिन मोहम्मद अल यूसुफ के बीच समझौते पर चर्चा हुई।
गोयल ने ‘एक्स’ पर पोस्ट में कहा, ‘‘हमारी बातचीत व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (सीईपीए) पर वार्ता को आगे बढ़ाने, व्यापार और निवेश संबंधों को मजबूत करने और द्विपक्षीय साझेदारी को और गहरा करने के अवसरों की खोज पर केंद्रित थी।’’
गोयल संयुक्त आयोग की बैठक के लिए मस्कट में हैं, जो 28 जनवरी को होगी। 14 जनवरी को भारत और ओमान ने समझौते के लिए पांचवें दौर की वार्ता की, जिसका उद्देश्य द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देना था।
आधिकारिक तौर पर सीईपीए नाम से इस समझौते के लिए बातचीत नवंबर, 2023 में औपचारिक रूप से शुरू हुई थी।
ऐसे समझौतों में, दो व्यापारिक साझेदार अपने बीच व्यापार किए जाने वाले अधिकतम उत्पादों पर सीमा शुल्क को या तो काफी कम कर देते हैं या खत्म कर देते हैं। वे सेवाओं में व्यापार को बढ़ावा देने और निवेश आकर्षित करने के लिए मानदंडों को भी आसान बनाते हैं।
ओमान, भारत के लिए खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) देशों में तीसरा सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य है। भारत का पहले से ही एक अन्य जीसीसी सदस्य संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के साथ इसी तरह का समझौता है जो मई, 2022 में लागू हुआ था।
दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार वित्त वर्ष 2022-23 के 12.39 अरब डॉलर (निर्यात 4.47 अरब डॉलर और आयात 7.91 अरब डॉलर) से घटकर 2023-24 में 8.94 अरब डॉलर (निर्यात 4.42 अरब डॉलर और आयात 4.5 अरब डॉलर) रह गया है।
भारत द्वारा ओमान से मुख्य रूप से पेट्रोलियम उत्पाद और यूरिया का आयात किया जाता है। इनका आयात में 70 प्रतिशत से अधिक हिस्सा है। अन्य प्रमुख उत्पादों में- प्रोपिलीन और एथिलीन पॉलिमर, पेट कोक, जिप्सम, रसायन तथा लोहा और इस्पात शामिल हैं।
भाषा राजेश राजेश अजय
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