नयी दिल्ली, 28 जनवरी (भाषा) भारत और ओमान ने सीमापार कराधान के अंतरराष्ट्रीय मानकों के साथ तालमेल बिठाने, प्रक्रियाओं को सरल बनाने और कर मामलों में अधिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए दोहरा कराधान बचाव संधि (डीटीएए) में संशोधन करने पर सहमति व्यक्त की है। मंगलवार को एक सरकारी बयान में यह जानकारी दी गयी।
वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की मस्कट यात्रा के दौरान भारत-ओमान दोहरा कराधान बचाव संधि (डीटीएए) में संशोधन करने के लिए एक प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए गए।
इस संधि को वर्ष 1997 में लागू किया गया था।
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने कहा, ‘‘दोनों पक्षों ने भारत-ओमान डीटीएए में संशोधन करने, सीमापार कराधान पर अंतरराष्ट्रीय मानकों के साथ इसका तालमेल बिठाने, कर प्रक्रियाओं को सरल बनाने और कर मामलों में अधिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए।’’
दोनों देशों ने प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते पर शीघ्र हस्ताक्षर के लिए चर्चा में तेजी लाने पर भी सहमति जताई है, जिसपर बातचीत चल रही है।
गोयल ओमान के वाणिज्य, उद्योग और निवेश संवर्धन मंत्री कैस बिन मोहम्मद अल यूसुफ के साथ भारत-ओमान संयुक्त आयोग की बैठक (जेसीएम) के लिए मस्कट में थे।
इसमें कहा गया, ‘‘दोनों मंत्रियों ने द्विपक्षीय भारत-ओमान व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (सीईपीए) पर विचारों का आदान-प्रदान किया, जिसपर बातचीत अंतिम चरण में है।’’
इस समझौते का उद्देश्य दोतरफा व्यापार और निवेश को बढ़ावा देना है।
आधिकारिक तौर पर व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते के रूप में नामित इस समझौते के लिए बातचीत औपचारिक रूप से नवंबर, 2023 में शुरू हुई।
ऐसे समझौतों में, दो व्यापारिक साझेदार अपने बीच व्यापार की जाने वाली अधिकतम वस्तुओं पर सीमा शुल्क को या तो काफी कम कर देते हैं या खत्म कर देते हैं। वे सेवाओं में व्यापार को बढ़ावा देने और निवेश आकर्षित करने के लिए मानदंडों को भी आसान बनाते हैं।
ओमान भारत के लिए खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) देशों में तीसरा सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य है। भारत का पहले से ही जीसीसी के एक अन्य सदस्य संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के साथ इसी तरह का समझौता है जो मई, 2022 में लागू हुआ था।
द्विपक्षीय व्यापार वित्त वर्ष 2022-23 के 12.39 अरब डॉलर (निर्यात 4.47 अरब डॉलर और आयात 7.91 अरब डॉलर) से घटकर 2023-24 में 8.94 अरब डॉलर (निर्यात 4.42 अरब डॉलर और आयात 4.5 अरब डॉलर) रह गया है।
भाषा राजेश राजेश अजय
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