भारत ने अमेरिका के साथ महत्वपूर्ण खनिज साझेदारी समझौते की पेशकश की

भारत ने अमेरिका के साथ महत्वपूर्ण खनिज साझेदारी समझौते की पेशकश की

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  • Publish Date - October 19, 2024 / 08:29 PM IST,
    Updated On - October 19, 2024 / 08:29 PM IST

नयी दिल्ली, 19 अक्टूबर (भाषा) भारत ने अमेरिका के साथ महत्वपूर्ण खनिज साझेदारी समझौते (सीएमपीए) की पेशकश की है, जिससे इलेक्ट्रिक वाहन जैसे उद्योगों को अमेरिकी बाजार में कुछ लाभ मिलेगा।

वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को यह जानकारी दी। भारत ने इस महीने की शुरुआत में मंत्री की अमेरिका यात्रा के दौरान यह मुद्दा उठाया था।

यात्रा के दौरान दोनों देशों ने महत्वपूर्ण खनिज आपूर्ति श्रृंखला में सहयोग बढ़ाने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।

कोबाल्ट, तांबा, लिथियम, निकल और दुर्लभ पृथ्वी जैसे महत्वपूर्ण खनिज पवन टर्बाइन से लेकर इलेक्ट्रिक कारों तक, स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

गोयल ने यहां संवाददाताओं से कहा, ”मैंने सुझाव दिया है कि हमारे महत्वपूर्ण खनिजों के समझौता ज्ञापन को महत्वपूर्ण खनिजों की भागीदारी समझौते में बदल दिया जाना चाहिए और इसे मुक्त व्यापार समझौते की ओर बढ़ने के लिए एक प्रारंभिक बिंदु बनाना चाहिए।”

उन्होंने साथ ही जोड़ा कि अमेरिकी कांग्रेस किसी भी देश के साथ एफटीए को लेकर बहुत उत्साहित नहीं है।

पिछले साल, अमेरिका और जापान ने महत्वपूर्ण खनिजों के एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।

गोयल ने यह भी कहा कि उनकी यात्रा के दौरान अमेरिकी उद्योग ने भारत के विभिन्न क्षेत्रों में निवेश बढ़ाने में गहरी रुचि दिखाई।

उन्होंने नाम बताये बिना कहा कि एक कंपनी डेटा सेंटर और एआई के लिए क्वांटम कंप्यूटिंग जैसे क्षेत्रों में 10 अरब अमेरिकी डॉलर के निवेश पर विचार कर रही है। गोयल की यात्रा के दौरान प्रौद्योगिकी हस्तांतरण को लेकर भी चर्चा हुई।

भाषा पाण्डेय

पाण्डेय