भारत को 10-12 वर्ष तक सालाना 80 लाख नौकरियां पैदा करनी होंगी: मुख्य आर्थिक सलाहकार

भारत को 10-12 वर्ष तक सालाना 80 लाख नौकरियां पैदा करनी होंगी: मुख्य आर्थिक सलाहकार

भारत को 10-12 वर्ष तक सालाना 80 लाख नौकरियां पैदा करनी होंगी: मुख्य आर्थिक सलाहकार
Modified Date: April 21, 2025 / 10:31 am IST
Published Date: April 21, 2025 10:31 am IST

(योशिता सिंह)

(फाइल फोटो के साथ)

न्यूयॉर्क, 21 अप्रैल (भाषा) भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी अनंत नागेश्वरन ने कहा है कि भारत को 2047 तक विकसित देश बनने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अगले 10-12 वर्षों तक प्रति वर्ष कम से कम 80 लाख नौकरियां पैदा करनी होंगी तथा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में विनिर्माण की हिस्सेदारी बढ़ानी होगी।

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नागेश्वरन ने शनिवार को यहां कहा, “हमारा दृष्टिकोण 2047 तक ‘विकसित भारत’ का लक्ष्य हासिल करना है। भारत के आकार के अलावा सबसे बड़ी चुनौती यह है कि अगले 10-20 वर्षों तक बाहरी वातावरण उतना अनुकूल नहीं रहने वाला है, जितना 1990 के बाद पिछले 30 वर्षों में रहा होगा।”

उन्होंने कहा, “लेकिन इस संदर्भ में यह तो तय है कि आप एक सीमा से आगे अपना बाह्य वातावरण नहीं चुन सकते – हमें कम से कम अगले 10 से 12 वर्षों तक प्रति वर्ष 80 लाख नौकरियां पैदा करनी होंगी और जीडीपी में विनिर्माण का हिस्सा बढ़ाना होगा। हमें यह देखना होगा कि चीन ने विनिर्माण में, खासकर कोविड महामारी के बाद जबरदस्त प्रभुत्व हासिल कर लिया है।”

नागेश्वरन कोलंबिया विश्वविद्यालय के ‘स्कूल ऑफ इंटरनेशनल एंड पब्लिक अफेयर्स’ में भारतीय आर्थिक नीतियों पर ‘दीपक और नीरा राज केंद्र’ द्वारा आयोजित ‘कोलंबिया भारत शिखर सम्मेलन-2025’ को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि कृत्रिम मेधा (एआई), प्रौद्योगिकी और रोबोटिक्स ऐसी चुनौतियां हैं जिनका सामना आज के कुछ विकसित देशों को अपनी वृद्धि यात्रा में नहीं करना पड़ रहा है।

उन्होंने कहा, “…लेकिन भारत को अपने आकार के हिसाब से इस विशाल, जटिल चुनौती से निपटना होगा और इसका कोई आसान जवाब नहीं है। अगर आप उन नौकरियों की संख्या देखें जिन्हें हमें बनाने की ज़रूरत है, तो यह हर साल लगभग 80 लाख नौकरियां हैं। …और शुरुआती स्तर की नौकरियों को खत्म करने में एआई की बड़ी भूमिका हो सकती है, या कम आईटी-सक्षम सेवाओं वाली नौकरियां खतरे में पड़ सकती हैं।”

भाषा अनुराग

अनुराग


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