नयी दिल्ली, 29 जनवरी (भाषा) उद्योग जगत को उम्मीद है कि अगले वित्त वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था 6.0-6.9 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी, जिसे उन्नत प्रौद्योगिकी और कारोबारी सुगमता को बेहतर बनाने के लिए सुधारों से समर्थन हासिल होगा। एक सर्वेक्षण रिपोर्ट में यह संभावना जताई गई है।
यह रिपोर्ट ग्रांट थॉर्नटन की तरफ से कराए गए बजट-पूर्व सर्वेक्षण पर आधारित है। इस सर्वेक्षण में विभिन्न क्षेत्रों के 155 से अधिक उद्योग हितधारकों की प्रतिक्रियाएं शामिल हैं। अधिकतर उत्तरदाता भारत के आर्थिक परिदृश्य को लेकर आशावादी हैं।
सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकांश लोगों को वित्त वर्ष 2025-26 में 6.0-6.9 प्रतिशत के बीच वृद्धि होने की उम्मीद है। लगभग 22 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने तो 7.0-7.9 प्रतिशत की सीमा में मजबूत वृद्धि दर की उम्मीद जताई है।
उत्तरदाताओं का मानना है कि प्रौद्योगिकी को उन्नत करने और कारोबारी सुगमता को बेहतर बनाने के सुधार अगले वित्त वर्ष में भारत की वृद्धि को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण होंगे।
इसमें कहा गया है, ‘राजकोषीय नीतियों को इन प्राथमिकताओं के साथ जोड़कर, आगामी बजट अर्थव्यवस्था में समानता और दक्षता सुनिश्चित करते हुए वृद्धि के लिए उत्प्रेरक के रूप में कार्य कर सकता है।’
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को वित्त वर्ष 2025-26 का बजट पेश करेंगी। यह बजट वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और घरेलू वृद्धि में सुस्ती के बीच पेश किया जा रहा है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भारत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि का अनुमान 6.5 प्रतिशत पर बनाए रखा है। वहीं संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2025 के लिए अपने वृद्धि अनुमान को 6.6 प्रतिशत पर बरकरार रखा है।
हालांकि विश्व बैंक और मूडीज ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए अपने वृद्धि अनुमानों को संशोधित कर क्रमश: 6.5 प्रतिशत और सात प्रतिशत कर दिया है।
भाषा प्रेम प्रेम रमण
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