नयी दिल्ली, 12 नवंबर (भाषा) भारत ने घरेलू कारोबारियों को चीन, दक्षिण कोरिया और थाइलैंड जैसे देशों से मुख्य रूप से गोंद उद्योग में उपयोग किए जाने वाले रसायन के सस्ते आयात से बचाने के लिए उसपर पांच साल के लिए 557 डॉलर प्रति टन तक का डंपिंग-रोधी शुल्क लगाया है।
यह शुल्क इसलिए लगाया गया क्योंकि रसायन – एपिक्लोरोहाइड्रिन – इन देशों से भारत को सामान्य से कम कीमतों पर निर्यात किया गया था।
राजस्व विभाग ने एक अधिसूचना में कहा, ‘‘इस अधिसूचना के तहत लगाया गया डंपिंगरोधी शुल्क पांच साल की अवधि के लिए लगाया जाएगा (जब तक कि इसे पहले रद्द, प्रतिस्थापित या संशोधित न किया जाए)…।’’
वाणिज्य मंत्रालय की जांच इकाई व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) द्वारा इसके लिए की गई सिफारिशों के बाद यह शुल्क लगाया गया है।
देशों द्वारा डंपिंगरोधी जांच यह निर्धारित करने के लिए की जाती है कि सस्ते आयात में वृद्धि के कारण घरेलू उद्योगों को नुकसान हुआ है या नहीं।
जवाबी कार्रवाई के तौर पर, वे जिनेवा स्थित विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की बहुपक्षीय व्यवस्था के तहत ये शुल्क लगाते हैं। शुल्क का उद्देश्य निष्पक्ष व्यापार प्रथाओं को सुनिश्चित करना और विदेशी उत्पादकों और निर्यातकों के मुकाबले घरेलू उत्पादकों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करना है।
भारत ने पहले ही चीन सहित विभिन्न देशों से सस्ते आयात से निपटने के लिए कई उत्पादों पर डंपिंगरोधी शुल्क लगाया है।
भाषा राजेश राजेश अजय
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