(मनोज राममोहन)
जिनेवा, 11 दिसंबर (भाषा) विमानन कंपनियों के वैश्विक समूह आईएटीए के प्रमुख विली वॉल्श ने कहा कि भारतीय विमानन कंपनियां के आने वाले वर्षों में अधिक चौड़े आकार के विमानों का परिचालन करने से उम्मीद है कि भारत भविष्य में अधिक द्विपक्षीय उड़ान अधिकार प्रदान करेगा।
दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते नागरिक विमानन बाजारों में से एक भारत द्विपक्षीय उड़ान अधिकारों को बढ़ाने के मामले में सतर्क रुख अपना रहा है, क्योंकि देश को वैश्विक विमानन केंद्र बनाने के प्रयास जारी हैं।
भारतीय विमानन कंपनियों के पास अधिक संख्या में चौड़े आकर वाले विमान होने से उन्हें विभिन्न विदेशी गंतव्यों के लिए सीधे संपर्क सुविधाएं प्रदान करने में मदद मिलेगी।
आईएटीए के महानिदेशक विली वॉल्श ने कहा कि भारत के संबंध में द्विपक्षीय उड़ान अधिकारों की स्थिति में सुधार होगा।
वॉल्श ने यहां ‘आईएटीए ग्लोबल मीडिया डे’ कार्यक्रम से इतर मंगलवार को ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ बातचीत में कहा, ‘‘ इससे (द्विपक्षीय उड़ान अधिकार) स्थिति बेहतर होगी। अगर आप विमानों के दिए गए ऑर्डर देखें.. इंडिगो और एयर इंडिया के चौड़े आकार के विमानों के ऑर्डर पर गौर करें तो वे चाहते हैं कि उन्हें और अधिक अधिकार मिलें। जब तक आप उन्हें पारस्परिक अधिकार नहीं देंगे, उन्हें उड़ान के अधिकार नहीं मिलेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे उम्मीद है कि इसमें (द्विपक्षीय उड़ान अधिकारों की स्थिति में) बदलाव आएगा।’’
द्विपक्षीय उड़ान अधिकार दो देशों के बीच ऐसी व्यवस्था प्रदान करते हैं जिससे दोनों पक्षों की विमानन कंपनियों को एक निश्चित संख्या में उड़ानें संचालित करने की अनुमति मिलती है।
नागर विमानन मंत्री के. राममोहन नायडू सितंबर में कहा था कि सरकार द्विपक्षीय उड़ान अधिकारों में वृद्धि के अनुरोधों पर सक्रिय रूप से विचार करेगी, हालांकि इस पर निर्णय लेने के लिए कोई समय सीमा तय नहीं की गई है।
अंतरराष्ट्रीय वायु परिवहन संघ (आईएटीए) करीब 340 विमानन कंपनियों का एक समूह है, जो वैश्विक हवाई यातायात का करीब 80 प्रतिशत से अधिक है।
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