आईपीईएफ सदस्य देशों के बीच व्यापार पर बातचीत को लेकर भारत की नजर: अधिकारी

आईपीईएफ सदस्य देशों के बीच व्यापार पर बातचीत को लेकर भारत की नजर: अधिकारी

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  • Publish Date - October 24, 2024 / 10:18 PM IST,
    Updated On - October 24, 2024 / 10:18 PM IST

नयी दिल्ली, 24 अक्टूबर (भाषा) भारत तेरह सदस्यीय आईपीईएफ (समृद्धि के लिए हिंद-प्रशांत आर्थिक रूपरेखा) देशों की व्यापार वार्ता पर नजर रखे हुए है। एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह बात कही।

भारत को अभी औपचारिक रूप से इसमें शामिल होना बाकी है।

आईपीईएफ को 23 मई को टोक्यो में अमेरिका और हिंद-प्रशांत क्षेत्र के अन्य भागीदार देशों ने संयुक्त रूप से गठन किया था। 14 आईपीईएफ भागीदारों की वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में 40 प्रतिशत और वैश्विक वस्तुओं और सेवाओं के व्यापार में 28 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

व्यापार, आपूर्ति व्यवस्था, स्वच्छ अर्थव्यवस्था और निष्पक्ष अर्थव्यवस्था (कर और भ्रष्टाचार विरोधी जैसे मुद्दे) से संबंधित चार स्तंभों के इर्द-गिर्द रूपरेखा को तैयार किया गया है।

भारत व्यापार भाग को छोड़कर तीन खंडों में शामिल हो गया है। सदस्य देश इन विषयों पर अलग-अलग समझौतों पर हस्ताक्षर करने के लिए बातचीत कर रहे हैं।

आपूर्ति श्रृंखला, स्वच्छ अर्थव्यवस्था और निष्पक्ष अर्थव्यवस्था (कर और भ्रष्टाचार विरोधी जैसे मुद्दे) पर समझौते पर 14 सदस्य देश पहले ही हस्ताक्षर कर चुके हैं।

अधिकारी ने कहा, ‘‘हम अंतिम नतीजों का इंतजार कर रहे हैं क्योंकि स्पष्ट बाजार पहुंच प्रावधानों के बिना व्यापार खंड में बाध्यकारी प्रतिबद्धताएं हैं। कई क्षेत्रों में विवाद का निपटारा होने जा रहा है।’’

यह पूछे जाने पर कि क्या भारत इस व्यापार खंड में शामिल होने की योजना बना रहा है, उन्होंने कहा, ‘‘… हम इस मामले में अभी इंतजार करेंगे, हम इसे करीब से देख रहे हैं। जैसे-जैसे यह आगे बढ़ेगा और देश एक साथ आएंगे और समझौते को अंतिम रूप देना शुरू करेंगे, शायद हम उस पर फैसला लेंगे।’’

ऑस्ट्रेलिया, ब्रुनेई दारुस्सलाम, फिजी, भारत, इंडोनेशिया, जापान, दक्षिण कोरिया, मलेशिया, न्यूजीलैंड, फिलिपीन, सिंगापुर, थाइलैंड, अमेरिका और वियतनाम इसके सदस्य हैं।

भारत का पहले से ही आसियान के साथ वस्तु व्यापार में मुक्त व्यापार समझौता है। इसके सदस्यों में सात… ब्रुनेई दारुस्सलाम, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलिपीन, सिंगापुर, वियतनाम और थाइलैंड…आईपीईएफ देश शामिल हैं। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया, जापान और दक्षिण कोरिया के साथ इस प्रकार का समझौता है।

ऐसे में, भारत को व्यापार खंड में शामिल होने से संभवत: ज्यादा लाभ नहीं होगा।

तेरह आईपीईएफ सदस्यों के बीच बातचीत अभी खत्म नहीं हुई है और प्रमुख मुद्दों पर भागीदार देशों के बीच मतभेद हैं।

भाषा

रमण अजय

अजय