नयी दिल्ली, सात अक्टूबर (भाषा) पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को कहा कि पश्चिम एशिया में बढ़ते संकट के कारण वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें बढ़ने के साथ, भारत स्थिति पर करीबी नजर रखे हुए है और किसी भी चुनौती से निपटने को लेकर पूरी तरह आश्वस्त है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतें लगभग 70 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल से बढ़कर 78 डॉलर प्रति बैरल से अधिक हो गई हैं।
पुरी ने यहां एक्सॉनमोबिल ग्लोबल आउटलुक 2024 में कहा, ‘‘हम स्थिति पर करीबी नजर रखे हुए हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ता है तो ऊर्जा उपलब्धता प्रभावित हो सकती है। लेकिन अभी आपूर्ति प्रभावित नहीं हुई है और दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता और आयातक देश भारत किसी भी स्थिति से निपटने को लेकर पूरी तरह आश्वस्त है।’’
पुरी ने कहा कि तेल की कोई कमी नहीं है और भारत अपनी जरूरतों को पूरा करने को लेकर आश्वस्त है।
ईरान के मिसाइल हमले के बाद यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इजराइल ईरान में तेल प्रतिष्ठानों या परमाणु संयंत्रों को निशाना बना सकता है। दूसरी तरफ ईरान, इजराइल पर सीधा हमला करके या फिर दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण तेल पारगमन केंद्र… होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करके जवाब देने का विकल्प चुन सकता है। इससे तेल की कीमतें और बढ़ जाएंगी।
ओमान और ईरान के बीच स्थित होर्मुज जलडमरूमध्य फारस की खाड़ी को ओमान की खाड़ी और अरब सागर से जोड़ता है। वैश्विक तेल का पांचवां हिस्सा जलडमरूमध्य से गुजरता है। सभी प्रमुख तेल उत्पादकों – सऊदी अरब, इराक, कुवैत और संयुक्त अरब अमीरात से तेल इस रास्ते निर्यात किया जाता है।
केवल सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के पास परिचालन पाइपलाइन है जिस पर होर्मुज जलडमरूमध्य के प्रभावित होने से असर नहीं होगा।
तेल के दाम में कटौती की संभावना के बारे में पूछे जाने पर पुरी ने कहा कि पेट्रोल और डीजल का मूल्य बाजार आधारित है और पेट्रोलियम कंपनियां मूल्य निर्धारण संबंधी निर्णय लेती हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘यह मनाइये कि स्थिति बिगड़े नहीं। हम स्थिति पर सावधानीपूर्वक नजर रख रहे हैं।’’
कुछ समय पहले तक पेट्रोल और डीजल के दाम में कटौती की उम्मीद थी। हालांकि, हाल में दाम में वृद्धि से इस पर लगाम लग गया है।
पिछले सप्ताह के उछाल से पहले रेटिंग एजेंसी इक्रा ने कहा था कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में दो-तीन रुपये प्रति लीटर की कटौती की गुंजाइश है।
भाषा रमण अजय
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