नयी दिल्ली, 23 नवंबर (भाषा) भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) ने हरित हाइड्रोजन क्षेत्र के लिए एक व्यापक मसौदा को अंतिम रूप दिया है। इसमें बुनियादी ढांचे का विकास, प्रौद्योगिकी सहयोग और आपूर्ति श्रृंखलाओं को बढ़ावा देना शामिल है।
ब्रसेल्स में बृहस्पतिवार को आयोजित भारत-यूरोपीय संघ ऊर्जा समिति की 10वीं बैठक में दोनों पक्षों ने इस क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर विचार-विमर्श किया।
विदेश मंत्रालय के अनुसार बैठक में भारत-यूरोपीय संघ स्वच्छ ऊर्जा और जलवायु साझेदारी 2025-28 के तीसरे चरण के लिए एक कार्य योजना को अपनाया गया।
यह कार्य योजना पांच प्राथमिकता वाले क्षेत्रों हरित हाइड्रोजन, अपतटीय पवन ऊर्जा, क्षेत्रीय संपर्क, बिजली बाजार एकीकरण और स्मार्ट ग्रिड, ऊर्जा दक्षता और ऊर्जा एवं जलवायु कूटनीति – में सहयोग को बढ़ावा देगी।
विदेश मंत्रालय ने शनिवार को कहा, ”दोनों पक्षों ने हरित हाइड्रोजन सहयोग के लिए एक व्यापक एजेंडा तैयार किया है, जिसमें बुनियादी ढांचे के विकास की व्यवहार्यता का आकलन, नियामक और प्रौद्योगिकी सहयोग तथा आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूत करना शामिल है।”
भाषा पाण्डेय
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