नयी दिल्ली, चार अक्टूबर (भाषा) वित्त मंत्रालय पश्चिम एशिया में बढ़ रहे तनाव के बीच घटनाक्रम पर करीबी नजर रखे हुए है। हालांकि कच्चे तेल की मौजूदा कीमतों को लेकर वह चिंतित नहीं है। सरकारी सूत्रों ने शुक्रवार को यह बात कही।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, सरकार के पास कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में अस्थिरता से निपटने के लिए कई साधन मौजूद हैं।
सूत्रों ने कहा कि भारत में कच्चे तेल की कीमतें इसके पहले काफी ऊंचे स्तर पर देखी जा चुकी हैं और मौजूदा कीमतें अभी भी उस स्तर पर नहीं पहुंची हैं।
भारत अपनी पेट्रोलियम जरूरतों को पूरा करने के लिए काफी हद तक आयात पर निर्भर है। ऐसे में तेल उत्पादक देश ईरान के युद्ध में उलझने पर भारत की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
इजराइल और ईरान के बीच सैन्य संघर्ष की आशंका बढ़ने से पिछले कुछ दिनों से कच्चे तेल की कीमतों में उछाल देखा जा रहा है। ईरान ने इजराइल के कुछ ठिकानों पर हमले किए हैं जिसके बाद इजराइल की तरफ से जवाबी कार्रवाई की आशंका जताई जा रही है।
इस बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि उनका प्रशासन ईरान के तेल प्रतिष्ठानों पर हमला करने के लिए इजराइल का समर्थन करेगा।
इस बयान के बाद बृहस्पतिवार को कारोबारी सत्र में कच्चे तेल के वायदा भाव में पांच प्रतिशत तक की तेजी आ गई। वहीं नवंबर आपूर्ति के लिए ब्रेंट क्रूड 4.8 प्रतिशत बढ़कर 77.44 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
भाषा प्रेम प्रेम रमण
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