आयकर विभाग ने संसदीय समिति से कहा, प्रत्यक्ष कर बकाया के 67 प्रतिशत की वसूली मुश्किल

आयकर विभाग ने संसदीय समिति से कहा, प्रत्यक्ष कर बकाया के 67 प्रतिशत की वसूली मुश्किल

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  • Publish Date - March 20, 2025 / 04:23 PM IST,
    Updated On - March 20, 2025 / 04:23 PM IST

नयी दिल्ली, 20 मार्च (भाषा) आयकर विभाग ने संसदीय समिति को जानकारी दी है कि 43 लाख करोड़ रुपये के बकाया प्रत्यक्ष कर में से दो-तिहाई यानी 67 प्रतिशत की वसूली करना मुश्किल है।

वित्त पर संसंद की स्थायी समिति ने भारी बकाया पर चिंता व्यक्त की और इस समस्या के समाधान के लिए स्थगतिकरण सहित संभावित कदम उठाने की इच्छा जाहिर की।

केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन ने समिति को बताया कि बकाया राशि चिंता का कारण है।

उन्होंने कहा, ‘‘ हमारे पास करीब 43,00,000 करोड़ रुपये की बकाया मांग है जो हमारे लिए चिंता का विषय है। आंशिक रूप से, यह पुराने बकाये का मुद्दा है। यह बकाया नब्बे के दशक के मध्य से भी संबंधित है क्योंकि पहले हम अनिवार्य रूप से एक ‘मैनुअल रजिस्टर’ रखते थे।’’

वित्त संबंधी स्थायी समिति की रिपोर्ट संसद में पेश कर दी गई है।

राजस्व सचिव ने समिति को बताया कि इस मांग का एक बड़ा हिस्सा ‘‘मनगढ़ंत’’ भी है।

समिति ने पाया कि प्रत्यक्ष करों के संबंध में 10,55,906 करोड़ रुपये का कर बकाया पांच या उससे अधिक वर्षों से लंबित है।

रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘ समिति को यह समझाया गया है कि कुछ बकाया राशि 1990 के दशक के मध्य से भी पुरानी है।’’

समिति ने साथ ही कहा कि कर अधिकारियों के अनुसार, 43,07,201 करोड़ रुपये के बकाये में से 28,95,851 करोड़ रुपये यानी 67 प्रतिशत की वसूली मुश्किल है। यह भी पाया गया कि इस मांग बकाया का एक बड़ा हिस्सा भी ‘मनगढ़ंत’ है।

प्रक्रियाओं के डिजिटलीकरण से पहले, एक ‘मैनुअल रजिस्टर’ होता था जिसमें ब्याज का हिसाब नहीं रखा जाता था। हालांकि, वर्तमान प्रणाली अब सालाना ब्याज की गणना करती है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि समिति ने सिफारिश की है कि चूंकि सभी कर रिकॉर्ड डिजिटल कर दिए गए हैं, इसलिए समयबद्ध तरीके से बकाया मांगों के लंबित मामलों को कम करने और उसे पूरा करने के लिए मांगों को माफ करने/स्थगन लगाने सहित निर्णायक हस्तक्षेप करने का यह सही समय है।

भाषा निहारिका अजय

अजय