रुपये में भारी गिरावट के बीच आयातित तेल की कीमतों में सुधार

रुपये में भारी गिरावट के बीच आयातित तेल की कीमतों में सुधार

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  • Publish Date - January 13, 2025 / 08:26 PM IST,
    Updated On - January 13, 2025 / 08:26 PM IST

नयी दिल्ली, 13 जनवरी (भाषा) डॉलर के मुकाबले रुपये के मूल्य में गिरावट के बीच आयात महंगा बैठने के कारण देश के तेल-तिलहन बाजार में सोमवार को आयातित तेल-तिलहन के दाम मजबूत बंद हुए और कुछ देशी तेल-तिलहनों में घट-बढ़ दर्ज हुई। दूसरी ओर बिनौला खल का दाम मजबूत होने के कारण एक ओर जहां सरसों तेल में गिरावट देखी गई, वहीं मूंगफली और बिनौला तेल के भाव पूर्ववत बने रहे।

मलेशिया एक्सचेंज में दोपहर 3.30 बजे 2-2.5 प्रतिशत की तेजी थी, जबकि शिकॉगो एक्सचेंज में घट-बढ़ जारी है।

बाजार सूत्रों ने कहा कि विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपया आज 58 पैसे की एक दिन की बड़ी भारी गिरावट के साथ 86.62 प्रति डॉलर (अस्थायी) पर बंद हुआ। इस गिरावट के कारण विशेषकर आयातित खाद्य तेलों की आयात लागत में काफी वृद्धि हुई है जिससे बाकी खाद्य तेल-तिलहनों के दाम भी मजबूत होते दिखे।

उन्होंने कहा कि भारतीय कपास निगम (सीसीआई) ने आज बिनौला सीड के दाम में 100 रुपये क्विंटल की वृद्धि की है। इसके अलावा बिनौला खल के दाम में भी वृद्धि हुई है। यह दाम अलग-अलग राज्यों में भिन्न-भिन्न हैं लेकिन कल के मुकाबले आज बिनौला खल के दाम में 25-50 रुपये क्विंटल का सुधार आया है। इसके कारण सरसों एवं मूंगफली तिलहन के दाम मजबूत बंद हुए। दूसरी ओर इसी मजबूती के कारण एक ओर जहां सरसों तेल के दाम में गिरावट आई, वहीं मूंगफली तेल और बिनौला तेल के दाम पूर्वस्तर पर बने रहे।

सूत्रों ने कहा कि बिनौला खल के मजबूत होने का असर सोयाबीन तेल-तिलहन पर भी आया जिनकी कीमतें भी मजबूत हो गईं। इसके अलावा रुपये के कमजोर होने से भी सोयाबीन तेल-तिलहन कीमतों में सुधार आया।

उन्होंने कहा कि खाद्य तेल संगठन सोपा ने बताया कि वर्ष 2023 के आखिरी तीन महीनों में 35.50 लाख टन सोयाबीन की पेराई हुई थो जो वर्ष 2024 की समान अवधि में मात्र 30.50 लाख टन की हो पाई है। यानी सोयाबीन उत्पादन बढ़ने के बावजूद इसका बाजार नहीं होने की वजह से पेराई मिलें अपनी पूरी क्षमता से नहीं चल पाई हैं।

मलेशिया एक्सचेंज के मजबूत होने और रुपये के मूल्य में गिरावट के कारण पाम, पामोलीन के भाव भी मजबूत बंद हुए। वैसे इसके लिवाल नहीं हैं और केवल भाव ही बढ़ाकर बोले जा रहे हैं।

सूत्रों ने कहा कि पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश जैसे उत्पादक राज्यों में कपास का उत्पादन कम होने से इस उपज की आवक वर्ष 2023 के मुकाबले घटी है। पिछले वर्ष लगभग 33 लाख गांठ कपास की आवक हुई थी जो वर्ष 2024 की समान अवधि में लगभग 17 लाख गांठ रह गई।

तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन – 6,675-6,725 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली – 5,850-6,175 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 14,000 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली रिफाइंड तेल – 2,125-2,425 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 13,750 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,335-2,435 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,335-2,460 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी – 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,650 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,450 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 9,850 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 13,100 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 12,200 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 14,300 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 13,400 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना – 4,400-4,450 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन लूज- 4,100-4,200 रुपये प्रति क्विंटल।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय