नयी दिल्ली, 13 नवंबर (भाषा) दिवाला अपीलीय न्यायाधिकरण ने कर्ज में डूबी आईएलएंडएफएस समूह को शेष 58 कंपनियों के लिए समाधान प्रक्रिया 31 मार्च 2025 तक पूरा करने का निर्देश दिया है। साथ ही स्थगन को इस तिथि तक बढ़ा दिया है।
राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय अधिकरण (एनसीएलएटी) की दो सदस्यीय पीठ ने कहा कि शेष 58 संस्थाओं के लिए समाधान प्रक्रिया अग्रिम चरण में है और ‘‘ आईएलएंडएफएस (इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज) द्वारा काफी प्रगति की गई है, जो परिसंपत्ति समाधान और अन्य तंत्रों के जरिये ऋणों का निपटान कर रही है।’’
पीठ में एनसीएलएटी के चेयरमैन न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति बरुण मित्रा शामिल हैं।
एनसीएलएटी ने मंगलवार को कहा, ‘‘ इस प्रकार, फिलहाल हमारा विचार है कि आईएलएंडएफएस और एक नए निदेशक मंडल को निर्देश जारी करने की आवश्यकता है ताकि हलफनामे के पैरा 24 में उल्लिखित 58 संस्थाओं की समाधान प्रक्रिया 31 मार्च 2025 तक पूरी की जा सके। ’’
एनसीएलएटी ने आईएलएंडएफएस को इस प्रक्रिया को बंद करने के लिए एनसीएलटी के समक्ष ‘‘ उचित कदम ’’ उठाने का भी निर्देश दिया।
इससे पहले, 28 अगस्त 2024 को एनसीएलएटी ने आईएलएंडएफएस संस्थाओं के लिए स्थगन जारी रखने पर सवाल उठाया और कहा कि ‘‘ 15 अक्टूबर 2018 के आदेश के तहत सुरक्षा को हमेशा जारी रखने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।’’
अपीलीय अधिकरण ने आईएलएंडएफएस और उसकी समूह संस्थाओं को एक नोटिस भी जारी किया था, जिसमें उनसे कारण बताने को कहा गया था कि 15 अक्टूबर 2018 के आदेश को उचित अवधि के बाद 15 अक्टूबर 2024 से प्रभावी होने की अनुमति क्यों नहीं दी जानी चाहिए।
उस नोटिस के जवाब में, आईएलएंडएफएस ने पांच अक्टूबर 2024 को एक हलफनामा दायर किया, जिसमें जारी ऋण समाधान प्रक्रिया की अद्यतन स्थिति बताई गई।
उसने बताया था कि 30 सितंबर 2024 तक 37,700 करोड़ रुपये के ऋण का समाधान किया गया है। 302 संस्थाओं में से 188 संस्थाओं की समाधान प्रक्रिया पूरी की गई और केवल 114 संस्थाएं बाकी हैं जिनमें से अब केवल 58 संस्थाओं के लिए स्थगन संरक्षण जारी रखने की आवश्यकता है।
मौजूदा कदमों से संतुष्ट एनसीएलएटी ने अब आईएलएंडएफएस मामले को अप्रैल 2025 के पहले सप्ताह में आगे के आदेश के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है।
भाषा निहारिका मनीषा
मनीषा
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