नयी दिल्ली, 30 नवंबर (भाषा) दिवाला अपीलीय न्यायाधिकरण एनसीएलएटी ने कर्ज में डूबे आईएलएंडएफएस समूह को अपनी सहायक कंपनी आईएलएंडएफएस पारादीप रिफाइनरी वाटर लिमिटेड (आईपीआरडब्ल्यूएल) को सफल बोलीदाता को बेचने की अनुमति दे दी है।
खबरों के मुताबिक इससे आईएलएंडएफएस को करीब 1,000 करोड़ रुपये का कर्ज चुकाने में मदद मिल सकती है।
आईपीआरडब्ल्यूएल की स्थापना ओडिशा में आईओसी द्वारा विकसित 1.5 करोड़ टन प्रति वर्ष क्षमता वाली पारादीप रिफाइनरी परियोजना की पानी की जरूरत को पूरा करने के लिए की गई थी।
आईएलएंडएफएस परिसंपत्तियां बेचकर अपने कर्ज को कम कर रही है, और उसे आईपीआरडब्ल्यूएल में अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिए आईओसी से सहमति नहीं मिली थी।
ऐसे में आईएलएंडएफएस ने प्रक्रिया की निगरानी कर रहे राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) से संपर्क किया था, ताकि आईओसीएल को निर्देश दिया जा सके कि वह उचित मूल्यांकन पर आईपीआरडब्ल्यूएल में 100 प्रतिशत शेयरधारिता हासिल करे या फिर इसे बेचने की अनुमति दे।
दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद एनसीएलएटी ने कहा, ”आईओसी ने शेयरधारिता के 100 प्रतिशत अधिग्रहण के लिए सहमति नहीं दी है, ऐसे में हमारा विचार है कि आईएलएफएंडएस को समाधान ढांचे के तहत तय प्रक्रिया के अनुसार इसे सफल बोलीदाता को बेचने की अनुमति दी जानी चाहिए।”
एनसीएलएटी ने हालांकि अपने आदेश में साफ किया कि सफल इकाई के पास परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए जरूरी तकनीकी जानकारी होनी चाहिए।
भाषा पाण्डेय
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