आईआईटी बॉम्बे-एचएसबीसी इंडिया ने हरित हाइड्रोजन को बढ़ावा देने के लिए छह परियोजनाओं को चुना |

आईआईटी बॉम्बे-एचएसबीसी इंडिया ने हरित हाइड्रोजन को बढ़ावा देने के लिए छह परियोजनाओं को चुना

आईआईटी बॉम्बे-एचएसबीसी इंडिया ने हरित हाइड्रोजन को बढ़ावा देने के लिए छह परियोजनाओं को चुना

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Modified Date: November 29, 2024 / 05:24 PM IST
Published Date: November 29, 2024 5:24 pm IST

नयी दिल्ली, 29 नवंबर (भाषा) आईआईटी बॉम्बे और एचएसबीसी इंडिया हरित हाइड्रोजन कार्यक्रम के तहत शीर्ष शैक्षणिक संस्थानों की हरित हाइड्रोजन प्रौद्योगिकी से जुड़ी छह नवोन्मेषी परियोजनाओं को समर्थन देने के लिए चुना गया है।

प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, आईआईटी बॉम्बे और एचएसबीसी इंडिया ग्रीन हाइड्रोजन कार्यक्रम के तहत छह आईआईटी, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान और भारतीय विज्ञान, शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान से बड़ी संख्या में नवीन परियोजना प्रस्ताव मिले।

आईआईटी बॉम्बे ने हरित हाइड्रोजन उत्पादन को अधिक कुशल और लागत प्रभावी बनाने की दिशा में तकनीकी प्रगति को आगे बढ़ाने के लिए एचएसबीसी के साथ साझेदारी की है। इस साझेदारी में शुरू किये गये इस कार्यक्रम का मकसद हरित हाइड्रोजन प्रौद्योगिकियों के विकास और कार्यान्वयन में तेजी लाना है।

विज्ञप्ति में कहा गया, ‘‘ इनमें से छह परियोजनाओं को आईआईटी बॉम्बे में उद्योग विशेषज्ञों तथा संस्थान के वरिष्ठ संकाय सदस्यों वाली एक संचालन समिति ने एक कठोर प्रक्रिया के जरिये बढ़ावा और समर्थन देने (इनक्यूबेशन) के लिए चुना है। ’’

एचएसबीसी इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) हितेंद्र दवे ने कहा, ‘‘ हम इन छह नवाचारों को विकसित करने के लिए आईआईटी बॉम्बे के साथ काम करने के लिए तत्पर हैं, ताकि हरित हाइड्रोजन को लागत प्रभावी, मापनीय और टिकाऊ बनाया जा सके।’’

आईआईटी बॉम्बे के निदेशक शिरीष केदारे ने कहा, ‘‘ यह सहयोग भारत सरकार के दूरदर्शी राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन का समर्थन करने के लिए हमारी दृढ़ प्रतिबद्धता को बताता है, जो हरित हाइड्रोजन को न केवल टिकाऊ ईंधन के रूप में बल्कि देश के भविष्य के ऊर्जा परिदृश्य की आधारशिला के रूप में स्थापित करता है।’’

इस कार्यक्रम की शुरुआत 2023 में केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने की थी। इस तीन-वर्षीय परियोजना का मकसद हरित हाइड्रोजन को एक रणनीतिक वैकल्पिक ईंधन के रूप में स्थापित करने के लिए नवीन परियोजनाओं का विकास करना है।

भाषा निहारिका रमण

रमण

 

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