नयी दिल्ली 10 नवंबर (भाषा) इंडिया इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस कंपनी लिमिटेड (आईआईएफसीएल) परिसंपत्ति-समर्थित प्रतिभूतियों (एबीएस) यानी कवर्ड बॉन्ड जारी करने के लिए एक अनुषंगी कंपनी स्थापित करने की योजना बना रही है। इसका मकसद अपनी परिसंपत्तियों को सुरक्षित करना और आगे के व्यावसायिक विकास के लिए पूंजी संरक्षण है।
आईआईएफसीएल के प्रबंध निदेशक पी आर जयशंकर ने पीटीआई-भाषा के साथ बातचीत में यह जानकारी दी।
जयशंकर ने कहा, ‘हम परिसंपत्ति आकार और ऋण पुस्तिका की उस सीमा तक पहुंच रहे हैं जो हमें हासिल होनी चाहिए। हम परिसंपत्ति आकार या ऋण पुस्तिका के आकार में अधिक उछाल नहीं देख सकते हैं। हम अपनी परिसंपत्तियों को सुरक्षित करने के लिए एक अलग कारोबार खड़ा सकते हैं।’
उन्होंने कहा, ‘हम अपनी परिसंपत्तियां बढ़ाने और मौजूदा परिसंपत्तियों की मदद से अधिक परिसंपत्तियां सृजित करने का प्रयास करेंगे। इसके पीछे सोच यह है कि परिसंपत्तियों से क्रमिक रूप से नई संपत्तियां तैयार होनी चाहिए। इससे पूंजी बचेगी और हमारे कोष की लागत घटेगी और लाभप्रदता भी बढ़ेगी।’
उन्होंने कहा कि परिसंपत्तियों के एक हिस्से को अलग करने का विचार चल रहा है। उन्होंने कहा, ‘हम एक सीमा बरकरार रखेंगे, और हम परिसंपत्ति के आकार या ऋण पुस्तिका के आकार को बढ़ाने की तुलना में मंजूरी और संवितरण को बढ़ाने पर अधिक ध्यान केंद्रित करेंगे’।
जयशंकर ने कहा कि कंपनी एबीएस जारी करने के लिए एक अलग कारोबार खड़ा करने के बारे में सोच सकती है। इसके लिए एक नई अनुषंगी कंपनी बनाने के बारे में सोचा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि फिलहाल इस योजना का ब्योरा तैयार किया जा रहा है और तस्वीर साफ हो जाने पर इसे मंजूरी के लिए निदेशक मंडल के पास भेजा जाएगा।
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