नईदिल्ली। भविष्य निधि निकासी नियमों के अनुसार, यदि कर्मचारी ने पांच साल की लगातार अवधि के लिए काम नहीं किया है और इस बीच पीएफ़ अकाउंट से पैसे निकालते हैं तो इनकम टैक्स कानून के नियमों के हिसाब से आपको इस पर इनकम टैक्स चुकाना पड़ेगा। वहीं यदि कर्मचारी ने पांच साल की लगातार अवधि के लिए काम नहीं किया है, तो पीएफ़ में जमा राशि पर टैक्स देना होगा।
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इसके अलावा भविष्य निधि निकासी नियमों के अनुसार कोई सदस्य नौकरी के दौरान जमा किये गए कुल रकम का 75% नौकरी छोड़ने के एक माह बाद निकाल सकता है। अगर व्यक्ति दो महीने से ज्यादा बेरोजगार रहता है तो वह पीएफ़ अकाउंट से पूरी रकम निकाल सकता है।
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लेकिन अगर कर्मचारी को अस्वस्थता के कारण नियोक्ता द्वारा व्यवसाय बंद करने या कर्मचारी के नियंत्रण से परे किसी अन्य कारण से अगर वह ऐसा करता है तो ऐसे मामलों में, भले ही पांच साल से कम की सेवा हो, कर्मचारी के लिए ईपीएफ शेष राशि पर कोई टैक्स नहीं देना होगा।
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वहीं अगर कर्मचारी 5 साल से कम समय में अपनी नौकरी बदलता है और पीएफ शेष को नए संगठन में स्थानांतरित करता है। तो ऐसे मामले में पीएफ़ की राशि पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। इसलिए नौकरी बदलते समय हमेशा पीएफ बैलेंस ट्रांसफर करने का सुझाव दिया जाता है।
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