आईईएसडब्ल्यू एक जुलाई से, 2,000 करोड़ रुपये के शुरूआती निवेश से नये कारखानों की होगी घोषणा

आईईएसडब्ल्यू एक जुलाई से, 2,000 करोड़ रुपये के शुरूआती निवेश से नये कारखानों की होगी घोषणा

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  • Publish Date - June 26, 2024 / 05:18 PM IST,
    Updated On - June 26, 2024 / 05:18 PM IST

नयी दिल्ली, 26 जून (भाषा) भारत ऊर्जा भंडारण सप्ताह (आईईएसडब्ल्यू) का दसवां सस्करण यहां अगले सप्ताह एक जुलाई से शुरू होगा। ऊर्जा क्षेत्र के इस प्रमुख सम्मेलन और प्रदर्शनी में ऊर्जा भंडारण, हरित हाइड्रोजन जैसे क्षेत्रों में लगभग 2,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश के साथ कारखाने लगाये जाने की घोषणा किये जाने की उम्मीद है।

सम्मेलन का आयोजन कर रहे भारत ऊर्जा भंडारण गठबंधन (आईएसए) के कार्यकारी निदेशक देवी प्रसाद दास ने इस बारे में यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘एक जुलाई से पांच जुलाई तक चलने वाले भारत ऊर्जा भंडारण सप्ताह (आईईएसडब्ल्यू) में 150 से अधिक प्रमुख भागीदारों और प्रदर्शकों के अलावा 1,000 से अधिक प्रतिनिधियों के शामिल होने की उम्मीद है।’’

आईईएसडब्ल्यू-2024 में ऑस्ट्रेलिया, नॉर्वे और फिनलैंड भागीदार देश हैं। इसमें जापान, दक्षिणी कोरिया, जर्मनी, फ्रांस, नॉर्वे, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, अमेरिका सहित 30 से अधिक देशों के 150 से ज्यादा भागीदार और प्रदर्शक शामिल होंगे।

आईईएसए के अध्यक्ष डॉ. राहुल वालवलकर ने कहा, ‘‘आईईएसडब्ल्यू-2024 के दौरान पांच से अधिक नये विनिर्माण संयंत्रों की घोषणा की जाएगी। इन विनिर्माण संयंत्रों में बैटरी विनिर्माण की पूरी श्रृंखला शामिल हैं। इसमें करीब 2,000 करोड़ रुपये का शुरुआती निवेश होने का अनुमान है।’’

कारखाना लगाने वालों में सिंगापुर की वीफ्लो टेक, नैश एनर्जी, बैटक्स एनर्जीज, बैटरी सामान बनाने वाली कंपनी लोहम आदि शामिल हैं।

वीफ्लो टेक भारत ऊर्जा भंडारण सप्ताह-2024 के दौरान हरियाणा के पलवल में सबसे बड़ी लंबी अवधि की ऊर्जा भंडारण विनिर्माण इकाई (गैर-लिथियम बैटरी) की शुरुआती घोषणा करेगी।

वीफ्लोटेक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक विवेक सेठ ने कहा, ‘‘ यह नई इकाई कंपनी की विस्तार रणनीति में मील का पत्थर है। इस अत्याधुनिक संयंत्र की वर्तमान वार्षिक क्षमता 100 मेगावाट घंटा (एमडब्ल्यूएच) है, जिसे मूल सिंगापुर कंपनी से प्रतिबद्ध निवेश के साथ अगले दो साल में गीगाफैक्ट्री तक बढ़ाने की योजना है।“

नैश एनर्जी आईईएसडब्ल्यू-2024 में अपने स्वदेशी रूप से विनिर्मित ली-आयन बैटरी सेल का प्रदर्शन करेगी। इसका विनिर्माण भारत में किया जाता है। नैश ने कर्नाटक में एक लिथियम आयन सेल विनिर्माण संयंत्र स्थापित किया है। इसकी वार्षिक क्षमता 600 मेगावाट घंटा है।

नैश एनर्जी के मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) अनिल कुमार ने कहा, “बड़े पैमाने पर समर्पित ली-आयन बैटरी कारखाना शुरू करने वाले हम भारत की पहली कंपनी हैं। अगले महीने तक कारखाने में उत्पादन शुरू हो जाएगा।”

इस मौके पर बैटएक्स एनर्जीज आईईएसडब्ल्यू-2024 में अपनी अत्याधुनिक बैटरी पुनर्चक्रण और सामग्री निष्कर्षण सुविधा- एचयूबी-1 के उद्घाटन की घोषणा की है।

लिथियम-आयन बैटरी पुनर्चक्रण में विशेषज्ञता रखने वाली बैटरी सामग्री में अग्रणी कंपनी लोहुम ने भारत के खान मंत्रालय से अनुसंधान एवं विकास अनुदान द्वारा समर्थित अगली पीढ़ी के ‘मैंगनीज-समृद्ध’ लिथियम-आयन बैटरी प्रौद्योगिकी विनिर्माण में प्रवेश करने की भी घोषणा की है।

भारत ऊर्जा भंडारण सप्ताह के दौरान नये उत्पाद भी पेश किये जाएंगे।

भाषा रमण अजय

अजय