मुंबई, 24 जनवरी (भाषा) सागरमाला और अंतर्देशीय जलमार्गों जैसी महत्वपूर्ण परियोजनाओं के लिए बजट में वित्तीय समर्थन बढ़ने से इनके क्रियान्वयन की रफ्तार एवं निवेश दोनों को ही प्रोत्साहन मिलेगा। घरेलू रेटिंग एजेंसी इक्रा ने सोमवार को यह संभावना जताई।
इक्रा रेटिंग्स ने बजट से पहले बंदरगाह, पोत परिवहन एवं लॉजिस्टिक क्षेत्रों के लिए जारी अपनी संभावना रिपोर्ट में कहा कि सरकार आने वाले वित्त वर्ष में भी कनेक्टिविटी सुधारने से जुड़ी परियोजनाओं पर अपना ध्यान बनाए रखेगी और बजट में इनके लिए वित्तीय समर्थन भी बढ़ाए जाने की उम्मीद है।
इक्रा का कहना है कि सरकार सड़क संपर्क को बेहतर करने के लिए शुरू की गई भारतमाला परियोजना, रेलवे ढांचागत विकास के लिए समर्पित मालवहन गलियारा (डीएफसी) और जलमार्गों के विकास के लिए चलाई गई सागरमाला परियोजना के लिए बजटीय समर्थन बढ़ा सकती है। इससे इन ढांचागत परियोजनाओं के क्रियान्वयन की रफ्तार तेज होगी।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को वित्त वर्ष 2022-23 के लिए संसद में बजट पेश करेंगी।
इक्रा के मुताबिक, सरकार ने चालू वित्त वर्ष में भी भारतीय प्रमुख बंदरगाह अधिनियम-2021 को लागू करने के अलावा बाजार-आधारित शुल्क व्यवस्था की शुरुआत कर कई नीतिगत कदम उठाए हैं। सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र की भागीदारी वाली बंदरगाह परियोजनाओं के लिए संशोधित प्रारूप भी सरकार ने जारी किया है।
रेटिंग एजेंसी का मानना है कि बंदरगाह क्षेत्र के लिए ये कदम अनुकूल साबित होंगे और इनसे निजी निवेश आकर्षित करने में भी मदद मिलेगी। सागरमाला, अंतर्देशीय जलमार्ग जैसी परियोजनाओं के लिए बजटीय समर्थन बढ़ने से इनके क्रियान्वयन की रफ्तार भी तेज होगी।
हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में सागरमाला एवं अंतर्देशीय जलमार्ग परियोजनाओं के लिए बजटीय समर्थन करीब 500-600 करोड़ रुपये तक ही सीमित रहा है। इस स्थिति में इन परियोजनाओं को पूरा करने के लिए निजी निवेश पर निर्भरता बढ़ जाती है।
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प्रेम अजय
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