नयी दिल्ली, सात नवंबर (भाषा) भारतीय दिवाला एवं शोधन अक्षमता बोर्ड (आईबीबीआई) ने बृहस्पतिवार को रियल एस्टेट कंपनियों के लिए दिवाला प्रक्रिया को सरल बनाने तथा हितधारकों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए सुधारों का प्रस्ताव रखा।
ये संशोधन दिवाला और ऋण शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) नियमों के तहत रियल एस्टेट दिवाला कार्यवाही की दक्षता और प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए प्रस्तावित किए गए हैं।
बृहस्पतिवार को जारी एक चर्चा पत्र में आईबीबीआई ने कहा कि प्रमुख प्रस्तावों में से एक है कि ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) की बैठकों में भूमि प्राधिकरणों को मतदान के अधिकार के बिना आमंत्रित के रूप में शामिल करना।
आईबीबीआई ने कहा कि रियल एस्टेट कंपनियों से जुड़ी कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रियाओं (सीआईआरपी) में भूमि प्राधिकरण महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, लेकिन वर्तमान में सीओसी में उनका अनिवार्य प्रतिनिधित्व नहीं है।
वर्तमान में, केवल वित्तीय ऋणदाताओं को ही सीओसी में प्रतिनिधित्व प्राप्त है, जबकि रियल एस्टेट परियोजनाओं में महत्वपूर्ण भूमिका के बावजूद भूमि प्राधिकरणों को इससे बाहर रखा गया है।
भाषा अनुराग अजय
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