नयी दिल्ली, छह नवंबर (भाषा) भारतीय दिवाला और ऋण शोधन अक्षमता बोर्ड (आईबीबीआई) ने आईबीसी मानदंडों के तहत दिवाला कार्यवाही के लिए आवेदन दाखिल करने से पहले परिचालन लेनदारों के लिए स्वैच्छिक मध्यस्थता तंत्र का प्रस्ताव रखा है।
इस प्रस्ताव का मकसद न्यायाधिकरण पर बोझ को कम करना है, जिससे पूरी प्रक्रिया में तेजी आएगी।
यह सिफारिश एक विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट और आईसीएआई के भारतीय दिवाला पेशेवर संस्थान (आईआईपीआई) के सुझावों पर आधारित है।
दिवाला बोर्ड ने सोमवार को जारी एक चर्चा पत्र में प्रारंभिक कदम के रूप में मध्यस्थता शुरू करने का प्रस्ताव रखा। इससे परिचालन लेनदारों को संविदात्मक असहमति, गुणवत्ता के मुद्दे और कम भुगतान के दावे जैसे मामलों पर कॉरपोरेट देनदारों के साथ विवादों को निपटाने का एक रास्ता मिल सकेगा।
भाषा पाण्डेय अजय
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