नयी दिल्ली, चार नवंबर (भाषा) आयकर विभाग को आयकर अधिनियम की समीक्षा के संदर्भ में पिछले महीने हितधारकों से 6,500 सुझाव मिले हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आयकर अधिनियम, 1961 की व्यापक समीक्षा के बारे में की गई बजट घोषणा पर सोमवार को एक बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन रवि अग्रवाल और सीबीडीटी के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
वित्त मंत्रालय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट में कहा कि बैठक में मल्होत्रा ने वित्त मंत्री को आयकर अधिनियम के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा के लिए 22 विशेष उप-समितियां गठित किए जाने की सूचना दी।
इन समितियों ने आयकर कानून में किए जाने वाले संशोधनों का पता लगाने और सिफारिशें करने के लिए विशेषज्ञों के साथ कई बैठकें की हैं।
मंत्रालय ने कहा, ‘‘समीक्षा बैठक के दौरान राजस्व सचिव ने वित्त मंत्री को यह भी बताया कि छह अक्टूबर को सुझाव का पोर्टल खोले जाने के बाद से अबतक 6,500 बहुमूल्य सुझाव मिले हैं। यह आयकर अधिनियम को सरल बनाने की दिशा में जनता की सक्रिय भागीदारी को दर्शाता है।’’
पिछले महीने, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड की आंतरिक समिति ने कर कानून की भाषा को सरल बनाने, मुकदमेबाजी में कमी, अनुपालन बोझ में कटौती और अप्रचलित प्रावधानों के संबंध में छह दशक पुराने आईटी अधिनियम की समीक्षा के लिए जनता से सुझाव आमंत्रित किए थे।
सीतारमण ने आयकर अधिनियम, 1961 की व्यापक समीक्षा किए जाने की 2024-25 के पूर्ण बजट में घोषणा की थी। इस घोषणा के क्रम में सीबीडीटी ने समीक्षा की देखरेख करने और अधिनियम को संक्षिप्त, स्पष्ट और समझने में आसान बनाने के लिए एक आंतरिक समिति बनाई थी।
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