Huge Discount in Income Tax: नई दिल्ली। आजकल हर कोई बेहतर रिटर्न पाने के लिए पोस्ट ऑफिस, बैंक में निवेश करने के लिए कोई नई योजना का विकल्प ढूंढते हैं। ऐसे में अगर आप भी अच्छे रिटर्न के लिए निवेश की तलाश में हैं, तो आप किसी भी स्कीम में निवेश से पहले आपको ये जानना जरूरी है कि सभी निवेश पर आपको टैक्स बेनिफिट मिलेगा की नहीं? बता दें कि ज्यादातर लोग इनकम टैक्स बचाने के लिए सैलरीड क्लॉस आयकर की धारा 80C के तहत निवेश करते हैं। इसमें निवेश करने पर आपको डेढ़ लाख तक की आमदनी पर टैक्स से राहत मिल जाती है।
वहीं अगर आपकी सेक्शन 80C के तहत लिमिट खत्म हो चुकी है और आप टैक्स सेविंग करना चाहते हैं तो चिंता नहीं करें। आप राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) में निवेश के जरिये 50,000 रुपए तक की रकम पर टैक्स सेविंग कर सकते हैं। यह निवेश सेक्शन 80C की डेढ़ लाख रुपये की लिमिट के अतिरिक्त होता है। इसका मतलब यह हुआ कि आप कुल 2 लाख रुपए तक की आमदनी पर टैक्स बचा सकते हैं।
सेक्शन 80TTA के तहत, व्यक्तिगत रूप से टैक्सपेयर्स और हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) (जिनपर सेक्शन 80TTB लागू नहीं होती) को बैंक, पोस्ट ऑफिस या सहकारी समिति में खोले गए सेविंग अकाउंट से मिलने वाली ब्याज आमदनी पर एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम 10,000 रुपए तक की टैक्स कटौती का फायदा मिलता है।
आप यदि अपने परिवार के लिए हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम देते हैं तो उस पर टैक्स में छूट पा सकते हैं। सेक्शन 80D के तहत आप अपने अलावा, जीवनसाथी और बच्चों के हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर 25,000 रुपए तक का निवेश दिखा सकते हैं। इसके अलाा यदि आपके माता-पिता की उम्र 60 साल से कम है तो हेल्थ इंश्योरेंस के लिए आप 25,000 रुपए तक का प्रीमियम भर सकते हैं। लेकिन अगर आपके माता-पिता सीनियर सिटीजन हैं तो यह लिमिट 50,000 रुपए तक की है।
अगर आपकी सेक्शन 80C के तहत लिमिट खत्म हो चुकी है और आप टैक्स सेविंग करना चाहते हैं तो चिंता नहीं करें। आप राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) में निवेश के जरिये 50,000 रुपए तक की रकम पर टैक्स सेविंग कर सकते हैं। यह निवेश सेक्शन 80C की डेढ़ लाख रुपए की लिमिट के अतिरिक्त होता है। इसका मतलब यह हुआ कि आप कुल 2 लाख रुपए तक की आमदनी पर टैक्स बचा सकते हैं।
Huge Discount in Income Tax: क्या आप जानते हैं कि आप हेल्थ चेकअप कराने पर भी टैक्स में छूट पा सकते हैं? सेक्शन 80D के तहत आप इसके लिए जांच पर किये गए खर्च पर छूट ले सकते हैं। हर साल आप अधिकतम 5,000 रुपए तक की कटौती का दावा कर सकते हैं। यह राशि सेक्शन 80D के अंतर्गत दी जाने वाली कुल कटौती की सीमा के अंदर आती है।