हिंदुस्तान यूनिलीवर साबुन में पाम तेल की मात्रा घटाने की योजना पर पुनर्विचार करे : एपीओए

हिंदुस्तान यूनिलीवर साबुन में पाम तेल की मात्रा घटाने की योजना पर पुनर्विचार करे : एपीओए

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  • Publish Date - June 18, 2024 / 08:07 PM IST,
    Updated On - June 18, 2024 / 08:07 PM IST

नयी दिल्ली, 18 जून (भाषा) पामतेल का उपभोग करने वाले देशों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक गैर-लाभकारी संगठन एशियन पाम ऑयल अलायंस (एपीओए) ने हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (एचयूएल) की अपने साबुन में पामतेल की मात्रा 25 प्रतिशत कम करने की कथित योजना पर चिंता जताई है।

एचयूएल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक रोहित जावा को लिखे पत्र में एपीओए के अध्यक्ष अतुल चतुर्वेदी ने चेतावनी दी कि प्रस्तावित कदम लाखों पाम ऑयल किसानों, विशेष रूप से छोटे कृषकों की आजीविका को सुरक्षित करने के वैश्विक प्रयासों को कमजोर कर सकता है।

यह स्वीकार करते हुए कि आदान लागत में वृद्धि के कारण पामतेल की कीमतें बढ़ी हैं, चतुर्वेदी ने तर्क दिया कि आलोचना के लिए अकेले पामतेल को निशाना बनाना ‘अनुचित’ है क्योंकि कीमतें, सोया और सूरजमुखी जैसे अन्य खाद्य तेलों की तरह मांग और आपूर्ति कारकों से प्रभावित होती हैं।

पामतेल निकाय ने एचयूएल से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह करते हुए कहा है कि पामतेल को सस्ते विकल्पों से बदलने से दुनियाभर के इसके किसानों के लिए गंभीर परिणाम हो सकते हैं।

पत्र में कहा गया है, ‘‘पामतेल की जगह सस्ते विकल्प इस्तेमाल करने से श्रमिकों के लिए जीविका मजदूरी और किसानों की आय सुनिश्चित करने के वैश्विक प्रयास कमजोर होंगे।’’

एचयूएल एक प्रमुख रोजमर्रा के उपभोग का सामान (एफएमसीजी) बनाने वाली कंपनी है जो कथित तौर पर पामतेल की बढ़ती कीमतों और पर्यावरण संबंधी चिंताओं का हवाला देते हुए अपने साबुन में पामतेल की मात्रा कम करने की योजना बना रही है।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय