नई दिल्ली : Hotels and restaurants will no longer charge service charge : खाने-पिने की चीजों पर लगने वाले सर्विस चार्ज को लेकर पिछले कई हफ्तों से चल रही बहस के बीच सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (CCPA) ने एक अहम फैसला लिया है। CCPA ने र्विस चार्ज को लेकर नए नियम बना दिए हैं। CCPA के मुताबिक कोई भी रेस्टोरेंट अपने क्लाइंट को सेवा देने के लिए सर्विस चार्ज नहीं वसूल सकते हैं।
Hotels and restaurants will no longer charge service charge : अगर कोई रेस्टोरेंट सर्विस चार्ज लगाता है तो ग्राहक उस रेस्टोरेंट के खिलाफ उपभोक्ता आयोग में ई-दाखिल शिकायत (edaakhil.nic.in) कर सकता है। नियम के अनुसार सर्विस चार्ज देना या ना देना ग्राहक पर निर्भर है, रेस्टोरेंट इसके लिए जबरदस्ती नहीं कर सकते हैं। CCPA ने सर्विस चार्ज को अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस करार दिया है। कंज्यूमर अफेयर मिनिस्ट्री के अनुसार होटल और रेस्टोरेंट में दिए जाने वाले खाने की कीमत में फूड और सर्विस पहले से ही शामिल होते हैं। ग्राहक डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर के पास भी शिकायत कर सकते हैं। जांच के बाद आपकी शिकायत को CCPA के पास भेजा जा सकता है।
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पिछले कुछ हफ्तों से बार-बार सर्विस चार्ज पर खूब बहस भी हो रही है। सर्विस चार्ज पर छिड़ी इस बहस ने लोगों के मन में कई कनफ्यूजन पैदा कर दिए हैं। लोगों की कन्फ्यूजन को दूर करते हुए सरकार ने साफ कर दिया है कि सर्विस चार्ज गैर-कानूनी है, वहीं रेस्टोरेंट एसोसिएशन का कहना है कि यह गैर-कानूनी नहीं है। अब इस पर CCPA की गाइडलाइंस आ चुकी हैं।
No hotels or restaurants can add service charges automatically or by default in the food bill: Union Consumer Affairs Ministry
— ANI (@ANI) July 4, 2022
Hotels and restaurants will no longer charge service charge : यह वह चार्ज होता है, जिसे तमाम होटल और रेस्टोरेंट सर्विस दिए जाने के लिए वसूलते हैं। यह 5 फीसदी से 15 फीसदी तक हो सकता है। बता दें कि यह चार्ज 5 फीसदी GST (होटल के अंदर वाले रेस्टोरेंट में 18 फीसदी GST) के अलावा लगता है। जहां एक ओर GST चुकाना जरूरी है, वहीं दूसरी ओर सर्विस चार्ज वैकल्पिक है। यही वजह है कि अधिकतर रेस्टोरेंट में सर्विस चार्ज वसूले जाने की बात इसकी दर के साथ मेन्यू में या फिर कई बार रेस्टोरेंट के मेन गेट पर ही लिखी रहती है।
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Hotels and restaurants will no longer charge service charge : रेस्टोरेंट जो सर्विस चार्ज लेते हैं, उसे वह या तो स्टाफ में बराबर-बराबर बांट देते हैं या फिर प्वाइंट सिस्टम फॉलो करते हैं। इसके तहत सर्विस चार्ज से मिली रकम को वरिष्ठता या अनुभव के आधार पर बांटा जाता है। सर्विस चार्ज को स्टाफ में बांटा जाता है, ऐसे में रेस्टोरेंट सभी ग्राहकों को समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्यों उनके लिए सर्विस चार्ज जरूरी है। कई रेस्टोरेंट तो सर्विस चार्ज चुकाने से मना करने वाले ग्राहकों को डिस्काउंट भी दे रहे हैं और समझा रहे हैं कि सर्विस चार्ज क्यों जरूरी है।
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Hotels and restaurants will no longer charge service charge : कंज्यूमर अफेयर्स मिनिस्टर पीयूष गोयल ने कहा कि रेस्टोरेंट किसी के बिल में जबरदस्ती सर्विस चार्ज नहीं लगा सकते हैं। उन्होंने कहा है कि सर्विस चार्ज ग्राहकों के लिए वैकल्पिक है। उन्होंने कहा कि अगर रेस्टोरेंट को लगता है कि कर्मचारियों को कुछ सुविधाएं दी जानी चाहिए तो इसे ग्राहकों पर थोपा नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा कि रेस्टोरेंट यह नहीं कह सकते कि सर्विस चार्ज पर रोक लगाने से उन्हें नुकसान होगा। रेस्टोरेंट इसके बजाय कीमतें बढ़ा सकते हैं या हाइक दे सकते हैं।