ब्याज दर नौ प्रतिशत से अधिक होने पर मकान खरीदने का निर्णय हो सकता प्रभावित: सर्वेक्षण

ब्याज दर नौ प्रतिशत से अधिक होने पर मकान खरीदने का निर्णय हो सकता प्रभावित: सर्वेक्षण

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  • Publish Date - October 18, 2024 / 05:04 PM IST,
    Updated On - October 18, 2024 / 05:04 PM IST

मुंबई, 18 अक्टूबर (भाषा) ज्यादातर लोगों का मानना है कि ब्याज दर के नौ प्रतिशत से अधिक होने पर आवास खरीदने का निर्णय प्रभावित हो सकता है। एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई।

उद्योग मंडल फिक्की और रियल एस्टेट सलाहकार एनारॉक के एक सर्वेक्षण में करीब 90 प्रतिशत प्रतिभागियों ने कहा कि ब्याज दर के नौ प्रतिशत से अधिक होने पर खरीदारों की मकान लेने की इच्छा प्रभावित हो सकती है।

फिक्की और एनारॉक ने शुक्रवार को अपना संयुक्त ‘मकान खरीदार धारणा सर्वेक्षण’ रिपोर्ट यहां रियल एस्टेट सम्मेलन में जारी की। इस सर्वेक्षण में 7,615 लोगों को शामिल किया गया था।

रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘ हाल ही में हुए सर्वेक्षण में 71 प्रतिशत से अधिक उत्तरदाताओं ने संकेत दिया कि यदि ब्याज दर 8.5 प्रतिशत से कम रहती हैं, तो उनके मकान खरीदने के फैसले पर कोई असर नहीं पड़ेगा। हालांकि, 87 प्रतिशत से अधिक उत्तरदाताओं ने कहा कि दर नौ प्रतिशत से अधिक होने पर पर इसका असर उनके फैसल पर होगा। दर 8.5 प्रतिशत से 9.0 प्रतिशत के बीच होने पर करीब 54 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्हें अपनी पसंद को लेकर पुन:विचार करना पड़ेगा।’’

सर्वेक्षण में 59 प्रतिशत से अधिक उत्तरदाताओं ने रियल एस्टेट निवेश के लिए सबसे पसंदीदा क्षेत्र परिसंपत्ति बताया।

भारतीय आवास बाजार मुख्य रूप से मकान खरीदारों से संचालित होता है। सर्वेक्षण प्रतिभागियों में से 67 प्रतिशत से अधिक ने स्वयं के इस्तेमाल के लिए संपत्ति लेनी की बात कही।

सर्वेक्षण के अनुसार, 35 प्रतिशत से अधिक संभावित मकान खरीदारों के लिए 45-90 लाख रुपये का बजट सबसे पसंदीदा विकल्प बना हुआ है। वहीं 28 प्रतिशत से अधिक उत्तरदाताओं ने 90 लाख रुपये से 1.5 करोड़ रुपये के बीच की कीमत वाले मकानों को अपनी प्राथमिकता बताया।

मकान खरीदारों की प्रमुख मांगें समय पर परियोजना पूरी होना (98 प्रतिशत), बेहतर निर्माण गुणवत्ता (93 प्रतिशत) और अच्छे हवादार मकान (72 प्रतिशत) हैं।

फिक्की के इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के कार्यकारी निदेशक प्रमोद राव ने रियल एस्टेट क्षेत्र में सतत विकास को बढ़ावा देने में नियामक ढांचे के महत्व को रेखांकित किया।

फिक्की के बयान के अनुसार राव ने कहा, ‘‘ उद्योग की दीर्घकालिक सफलता के लिए निवेशकों का विश्वास महत्वपूर्ण है। पारदर्शिता व कामकाज के तरीकों पर सेबी की नजर इस विश्वास को बनाए रखने में महत्वपूर्ण कारक रही है।’’

राव ने इस बात पर जोर दिया कि संस्थागत निवेश आकर्षित करने के लिए मजबूत अनुपालन और बेहतर पारदर्शिता महत्वपूर्ण होगी।

फिक्की के पूर्व अध्यक्ष एवं शहरी विकास एवं रियल एस्टेट पर फिक्की समिति के सलाहकार तथा सोमानी इम्प्रेसा ग्रुप के चैयरमैन एवं प्रबंध निदेशक संदीप सोमानी ने कहा, ‘‘ भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र ने उल्लेखनीय विकास किया है।’’

शहरी विकास एवं रियल एस्टेट पर फिक्की समिति के चेयरमैन एवं आरएमजेड कॉरपोरेशन के पर्यवेक्षी बोर्ड के चेयरमैन राज एम. ने कहा, ‘‘ भारत की आर्थिक वृद्धि रियल एस्टेट क्षेत्र में तेजी से विस्तार को बढ़ावा दे रही है। आवासीय बाजार 2029 तक 1040 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है, जो 25.6 प्रतिशत संचयी वृद्धि दर से बढ़ रहा है। यह वृद्धि अल्ट्रा-लक्जरी संपत्तियों तथा महत्वपूर्ण निवेशों की बढ़ती मांग से प्रेरित है।’’

शहरी विकास एवं रियल एस्टेट पर फिक्की समिति के सह-अध्यक्ष गौरव पांडे ने कहा, ‘‘ संस्थागत निवेशक रियल एस्टेट क्षेत्र में बेहतर गुणवत्ता वाले उत्पादों के विकास के माध्यम से धन सृजन पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।’’

एनारॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा कि उपभोक्ता भावना सर्वेक्षण समयानुकूल तथा महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह मौजूदा बाजार परिवेश में समकालीन खरीदारों की प्राथमिकताओं का आकलन करता है। साथ ही भारतीय आवासीय अचल संपत्ति में वर्तमान महत्वपूर्ण रुझानों को बताता है।

भाषा निहारिका रमण

रमण