मुंबई, 11 मार्च (भाषा) भारतीय नियोक्ताओं ने इस कैलेंडर वर्ष की दूसरी तिमाही में वैश्विक स्तर पर नई भर्तियां करने का मजबूत इरादा जताया है जिससे शुद्ध रोजगार परिदृश्य (एनईओ) 43 प्रतिशत रहा। एक सर्वेक्षण रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
मैनपावरग्रुप के नवीनतम रोजगार परिदृश्य सर्वेक्षण के मुताबिक, भारत वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही (अप्रैल-जून) के लिए वैश्विक शुद्ध रोजगार परिदृश्य (43 प्रतिशत) में अग्रणी बना हुआ है। यह वैश्विक औसत से 18 अंक अधिक है।
यह सर्वेक्षण 42 देशों के 40,413 नियोक्ताओं से मिली सूचनाओं पर आधारित है। जनवरी में कराए गए सर्वेक्षण में भारत के विभिन्न क्षेत्रों के 3,000 भर्तीकर्ता शामिल थे।
इससे पता चला है कि 55 प्रतिशत नियोक्ता अगली तिमाही में भर्ती करने का इरादा रखते हैं जबकि 12 प्रतिशत नियोक्ताओं को कटौती की आशंका है। वही 29 प्रतिशत नियोक्ताओं को अपने कार्यबल में किसी बदलाव की उम्मीद नहीं है जबक चार प्रतिशत अनिश्चित हैं।
जनवरी-मार्च, 2025 की तुलना में अप्रैल-जून तिमाही में सूचना प्रौद्योगिकी (55 प्रतिशत), औद्योगिक और सामग्री (48 प्रतिशत), स्वास्थ्य देखभाल और जीवन विज्ञान (42 प्रतिशत), परिवहन और लॉजिस्टिक्स और मोटर वाहन (40 प्रतिशत) तथा संचार सेवाएं (38 प्रतिशत) क्षेत्रों ने भर्ती के इरादों में वृद्धि की बात की है।
वही वित्तीय और रियल एस्टेट (43 प्रतिशत), ऊर्जा और उपयोगिता (32 प्रतिशत) और उपभोक्ता वस्तुएं और सेवाएं (32 प्रतिशत) में पिछली तिमाही की तुलना में क्रमशः एक, छह अंक और आठ अंक की गिरावट है।
मैनपावरग्रुप के प्रबंध निदेशक (भारत एवं पश्चिम एशिया) संदीप गुलाटी ने कहा, ‘‘यह सर्वेक्षण भारत में एक लचीले और बढ़ते नौकरी बाजार को दर्शाता है। भर्ती की धारणा मजबूत हुई है, जो एक विकसित आर्थिक परिदृश्य में भारतीय कंपनियों के आत्मविश्वास को दर्शाती है।’’
भाषा प्रेम प्रेम अजय
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