हिमाचल सरकार ने हरित ऊर्जा और ई-वाहन बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए

हिमाचल सरकार ने हरित ऊर्जा और ई-वाहन बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए

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  • Publish Date - December 10, 2024 / 07:08 PM IST,
    Updated On - December 10, 2024 / 07:08 PM IST

शिमला, 10 दिसंबर (भाषा) हिमाचल प्रदेश सरकार ने मंगलवार को राज्य में पांच चुने गये हरित गलियारों में सुविधाओं को बढ़ाने के लिए दो कंपनियों के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी है।

यहां जारी बयान में कहा गया कि परिवहन विभाग के निदेशक डी सी नेगी ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की मौजूदगी में राज्य सरकार की ओर से एमओयू पर हस्ताक्षर किए, जिसमें ईवीआई टेक्नोलॉजी का प्रतिनिधित्व राहुल सोनी और जियो-बीपी का प्रतिनिधित्व अविनाश शर्मा ने किया।

सुक्खू ने कहा कि निविदा समझौते के अनुसार, जियो-बीपी मंडी-जोगिंदरनगर-पठानकोट और कीरतपुर-मनाली-केलांग कॉरिडोर विकसित करेगी, जबकि ईवीआई टेक्नोलॉजी एक साल के भीतर परवाणू-ऊना-संसारपुर-टैरेस-नूरपुर और परवाणू-शिमला-रिकांगपिओ-लोसर कॉरिडोर का काम पूरा करेगी।

इसके अलावा इलेक्ट्रोवेब कंपनी शिमला-हमीरपुर-चंबा ग्रीन कॉरिडोर विकसित करने पर काम करेगी। परियोजना के हिस्से के रूप में, कंपनियां एक साल के भीतर इन कॉरिडोर के साथ 41 रणनीतिक स्थानों पर ईवी चार्जिंग स्टेशन, सड़क किनारे की सुविधाएं और सुपरमार्केट स्थापित करेंगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ई-बस, ई-ट्रक और अन्य इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए इन 41 स्थानों पर चार्जिंग सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

इसके अलावा, इन स्थानों पर शौचालय और रेस्तरां जैसी सार्वजनिक सुविधाएं भी स्थापित की जाएंगी और कंपनियां राज्य सरकार को सालाना 75 लाख रुपये का पट्टा देंगी।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने वर्ष 2026 तक हिमाचल को हरित ऊर्जा प्रदेश बनाने का फैसला किया है, जिसके लिए सरकार प्रदेश को ई-वाहनों के लिए मॉडल राज्य के रूप में विकसित कर रही है।

उन्होंने कहा कि यह पहल कार्बन उत्सर्जन को कम करने और भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक स्थायी पर्यावरण को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) के बेड़े को चरणबद्ध तरीके से इलेक्ट्रिक बसों में बदल देगी।

उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि राज्य सरकार पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पर अडिग है और अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए 350 ई-बसें खरीदने की योजना बना रही है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों के कारण राज्य परिवहन विभाग पूरी तरह से इलेक्ट्रिक वाहनों का बेड़ा संचालित करने वाला देश का पहला विभाग बन गया है।

उन्होंने कहा कि इन हरित गलियारों की स्थापना से निजी वाहन मालिकों को भी इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय