नयी दिल्ली, 26 सितंबर (भाषा) प्राकृतिक रबड़ की ऊंची कीमतें टायर विनिर्माताओं की लाभप्रदता को प्रभावित कर सकती हैं। क्रिसिल मार्केट इंटेलिजेंस एंड एनालिटिक्स ने यह बात कही है।
क्रिसिल ने बयान में कहा कि टायर निर्माता मुश्किल के दौर से गुजर रहे हैं, क्योंकि मजबूत मांग और कम आपूर्ति के बीच इस वित्त वर्ष के पहले पांच माह में ही प्राकृतिक रबड़ की कीमत में सालाना आधार पर 33 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी हुई है, जिससे टायर विनिर्माताओं की लाभप्रदता प्रभावित हो सकती है।
इसमें कहा गया है कि प्राकृतिक रबड़ की घरेलू कीमतें अगस्त में औसतन 238 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुईं, जो पिछले एक दशक के रुझान से काफी ऊपर है।
क्रिसिल मार्केट इंटेलिजेंस एंड एनालिटिक्स के निदेशक-अनुसंधान पुशन शर्मा ने कहा कि वित्त वर्ष 2010-11 और 2022-23 के बीच वैश्विक रबड़ उत्पादन में 35 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि मांग में 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जिसके चलते आपूर्ति की कमी हुई और कीमतें बढ़ गईं।
क्रिसिल मार्केट इंटेलिजेंस एंड एनालिटिक्स के सहायक निदेशक-शोध, मोहित अदनानी ने कहा, ‘‘मांग में और वृद्धि तथा सीमित आपूर्ति के कारण प्राकृतिक रबड़ की कीमतें ऊंची बनी रहने की उम्मीद है, जिसका असर 2024-25 से भी आगे टायर निर्माताओं के लाभ पर पड़ेगा।’’
पिछली बार रबड़ की कीमत 200 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर को वर्ष 2011 में पार कर गई थी, जो वैश्विक वित्तीय संकट के बाद मांग में सुधार के कारण बढ़ी थी।
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