गैर-वित्तीय क्षेत्र में नियामकीय सुधारों पर उच्च-स्तरीय समिति जल्द काम शुरू करेः वित्त सचिव

गैर-वित्तीय क्षेत्र में नियामकीय सुधारों पर उच्च-स्तरीय समिति जल्द काम शुरू करेः वित्त सचिव

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  • Publish Date - March 29, 2025 / 02:24 PM IST,
    Updated On - March 29, 2025 / 02:24 PM IST

नयी दिल्ली, 29 मार्च (भाषा) केंद्रीय वित्त सचिव और आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने शनिवार को कहा कि गैर-वित्तीय क्षेत्र में नियामकीय सुधारों पर प्रस्तावित उच्च-स्तरीय समिति को जल्द ही अपना काम शुरू करना चाहिए ताकि बजट 2025-26 में कारोबारी सुगमता को बढ़ावा देने के लिए घोषित कदम को साकार किया जा सके।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले महीने अपने बजट भाषण में सभी गैर-वित्तीय क्षेत्र के नियमों, प्रमाणन, लाइसेंस और मंजूरियों की समीक्षा के लिए नियामकीय सुधारों के लिए एक उच्च स्तरीय समिति के गठन की घोषणा की थी।

सीतारमण ने कहा था, ‘इस समिति से एक साल के भीतर सिफारिशें देने की उम्मीद की जाएगी। इसका उद्देश्य विश्वास-आधारित आर्थिक संचालन को मजबूत करना और ‘कारोबारी सुगमता’ को बढ़ाने के लिए बदलावकारी उपाय करना है, खासकर निरीक्षण और अनुपालन के मामलों में। राज्यों को इस प्रयास में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।’

वित्त सचिव ने पिछले 10 वर्षों में किए गए संरचनात्मक सुधारों का उल्लेख करते हुए कहा कि उन सुधारों को प्रौद्योगिकी में बदलाव के साथ तालमेल बिठाना, उपयोगी न रह गए विधायी प्रावधानों को हटाना और 21वीं सदी एवं अगले 23 वर्षों में उनकी प्रासंगिकता बनाए रखने पर भी ध्यान देना होगा।

सेठ ने यहां आयोजित ‘स्कोच शिखर सम्मेलन’ में कहा कि हल्के-फुल्के नियामकीय सुधारों की तरफ कदम बढ़ाने की जरूरत है, जो लोगों के अनुकूल, आधुनिक एवं लचीले हों।

उन्होंने कहा, ‘इस पहलू को ध्यान में रखते हुए गैर-वित्तीय क्षेत्र में नियामकीय सुधारों पर एक उच्च स्तरीय समिति की पहल जल्द ही शुरू होनी चाहिए।’

सेठ ने कहा कि राज्यों के बीच प्रतिस्पर्धी सहकारी संघवाद को बढ़ावा देने और निवेशकों के अधिक अनुकूल राज्यों का आकलन करने के लिए राज्यों का एक निवेश मित्रता सूचकांक शुरू किया जाएगा।

उन्होंने उम्मीद जताई कि इससे राज्यों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा पैदा होगी तथा वे निवेश जुटाने के लिए व्यापार के अनुकूल सुधारों को बढ़ावा देंगे।

वित्त सचिव ने कहा, ‘विकसित भारत की ओर हमारी यात्रा तभी संभव है जब सभी लोग, सभी लोग, सभी क्षेत्र (तथा) सभी राज्य एक साथ आएंगे।’

वित्तीय स्थिरता एवं विकास परिषद द्वारा वित्तीय क्षेत्र में किए जाने वाले सुधारों के बारे में बोलते हुए सेठ ने कहा कि इसका उद्देश्य विकास को समर्थन देने के साथ ही पूंजी के अधिक कुशल उपयोग की अनुमति देना है।

सीतारमण ने अपने बजट भाषणा में कहा था कि वित्तीय स्थिरता एवं विकास परिषद के तहत मौजूदा वित्तीय नियमों और निर्देशों के प्रभाव का मूल्यांकन करने के लिए एक तंत्र स्थापित किया जाएगा जो वित्तीय क्षेत्र के विकास और उनकी जवाबदेही बढ़ाने के लिए एक रूपरेखा भी तैयार करेगा।

वित्तीय स्थिरता एवं विकास परिषद की कमान वित्त मंत्री के पास होती है जबकि आरबीआई, सेबी, इरडा और पीएफआरडीए सहित सभी वित्तीय नियामक इसके सदस्य हैं।

भाषा प्रेम प्रेम

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